Zudio कंपनी की फ्रेंचाइजी दिलाने के नाम पर महिला के खाते से उड़ाए 8.55 लाख, तीन इंटरस्टेट ठग गिरफ्तार
इस मामले में महमूरगंज इलाके की रहने वाली जसवीर कौर ने थाना भेलूपुर में शिकायत दर्ज कराई थी। जसवीर कौर के अनुसार, उन्हें एक ऑनलाइन विज्ञापन के माध्यम से Zudio कंपनी की फ्रेंचाइजी का प्रस्ताव मिला था। इस ऑफर को लेकर वह फर्जी वेबसाइट "zudiofranchisestata-trent.in" से संपर्क में आईं, जहां उन्होंने मोबाइल नंबर – 7654505783 और 9163394672 पर कई बार बातचीत की। इस दौरान अपराधियों ने विभिन्न प्रकार के चार्ज जैसे रजिस्ट्रेशन फीस, सिक्योरिटी मनी, और GST फीस का हवाला देते हुए उनके खातों में कुल 8,55,500 रुपये ट्रांसफर करवा लिए।
वाराणसी पुलिस ने इस मामले में तुरंत कार्रवाई करते हुए साइबर अपराधियों के गैंग का पर्दाफाश किया। पुलिस आयुक्त मोहित अग्रवाल और पुलिस उपायुक्त प्रमोद कुमार के निर्देश पर एक टीम गठित की गई, जिसने पटना, नालंदा (बिहार) और कोलकाता (पश्चिम बंगाल) में आरोपियों के ठिकानों पर छापेमारी की। पुलिस टीम को गुप्त सूचना के आधार पर तीन शातिर अपराधियों का पता चला, जिनके नाम हैं: आकाश कुमार (नालंदा, बिहार), प्रशांत कुमार (शेखपुरा, बिहार), और मयंक कुमार (नालंदा, बिहार)। इन आरोपियों को नालंदा और कोलकाता से गिरफ्तार किया गया।
ऐसे करते थे अपराध...
इन अपराधियों ने अपनी ठगी की योजना को बड़े स्तर पर चलाया। उन्होंने प्रमुख कंपनियों जैसे KIA Motors, Tata Trent, Zudio, McDonald's, और अन्य प्रतिष्ठित ब्रांड्स की असली वेबसाइट्स से मिलती-जुलती फर्जी वेबसाइट्स बनाई और इन्हें गूगल और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स जैसे फेसबुक, इंस्टाग्राम पर प्रमोट किया। इन फर्जी वेबसाइट्स पर फ्रेंचाइजी प्राप्त करने के इच्छुक लोग अपना डेटा भरते थे, जिसके बाद अपराधी उन्हें फोन करके विभिन्न शुल्कों का हवाला देते हुए पैसे ठग लेते थे।
ये चीज़ें हुई बरामद
गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने आरोपियों से कई महत्वपूर्ण चीजें बरामद की हैं, इनमें 10 मोबाइल फोन (आईफोन और एंड्रॉयड) - जिनकी कीमत लगभग 6 लाख रुपये, 2 लैपटॉप/आईपैड - जिनकी कीमत करीब 1.2 लाख रुपये, 3 डेबिट कार्ड, एक टाटा नेक्शन कार - जिनकी कीमत लगभग 14 लाख रुपये और मामले से संबंधित नगद धनराशि - 3720 रुपये बरामद किए हैं।
आरोपियों के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है, जिसमें धोखाधड़ी (धारा 420) और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम (धारा 66डी) शामिल हैं।
इस मामले में दो अलग-अलग पुलिस टीमों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। टीम-1 में निरीक्षक विपिन कुमार, आलोक रंजन, रजनीकान्त और अन्य पुलिसकर्मी शामिल थे, जिन्होंने घटनास्थल पर जांच की और आरोपियों को गिरफ्तार किया। टीम-2 में भी विभिन्न पुलिस अधिकारी और सहायक पुलिसकर्मी शामिल थे, जिन्होंने सुराग जुटाने और आरोपियों की गिरफ्तारी में मदद की।
पुराना है आपराधिक इतिहास
पुलिस गिरफ्तार आरोपियों के आपराधिक इतिहास की जानकारी जुटा रही है। इनमें से आकाश कुमार को पश्चिम बंगाल में जेल हो चुकी है, जबकि प्रशांत कुमार को हरियाणा में भी जेल का सामना करना पड़ा था। इन अपराधियों ने इस साइबर फ्रॉड को बड़े पैमाने पर अंजाम दिया था और अब पुलिस इनकी पूरी कार्यशैली का पर्दाफाश करने की कोशिश कर रही है।