माघी पूर्णिमा पर गंगा घाटों पर उमड़ी आस्थावानों की भीड़, पुण्य फल प्राप्ति को हजारों ने लगाई वैतरणी में डुबकी

 

वाराणसी। सनातन धर्म में माघ महीने में पड़ने वाली पूर्णिमा को अत्यंत महत्वपूर्ण दिन माना गया है। इस दिन दूर-दूर से लोग गंगा स्नान के लिए आते हैं। ऐसी मान्यता है कि इस दिन नदी स्नान से व्यक्ति से सारे पाप धुल जाते हैं और पुण्यफल की प्राप्ति होती है।

जनपद में शनिवार को माघ पूर्णिमा और रविदास जयंती दोनों मनाई जा रही है। शनिवार को गंगा स्नान के लिए काशी के गंगा घाटों पर आस्थावानों की जबरदस्त भीड़ उमड़ी। दूर-दराज से आए लोगों ने गंगा में डुबकी लगाई। सुबह से ही लोगों का हुजूम गंगा घाटों पर उमड़ पड़ा था। 

रविदास जी ने भी कहा है कि ‘मन चंगा तो कठौती में गंगा’ अर्थात् मन शुद्ध होता है तभी पवित्र गंगा में स्नान का फल प्राप्त होगा। माघ पूर्णिमा पर गंगाजल के अलावा घर पर ही पानी में कुछ खास चीजें डालकर स्नान करें, इससे ग्रह दोष भी समाप्त होता है।

इस दिन गंगा में स्नान के बाद सूर्य को अर्घ्य देकर व्रत का संकल्प लेना चाहिए और भगवान विष्णु की पूजा करनी चाहिए। इसके साथ ही गरीब व्यक्ति और ब्राह्मणों को भोजन कराकर दान दक्षिणा जरुर देनी चाहिए। इस दिन सफेद और काले तिल का विशेष रूप से दान का महत्व है। माघ मास में काले तिल में हवन और काले तिल से पितरों का तर्पण करना चाहिए।