क्रिसमस पर अस्सी घाट हुआ गुलजार, मौसम साफ होते ही उमड़ी सैलानियों की भीड़

काशी में गुरुवार को क्रिसमस के अवसर पर अस्सी घाट पर उत्सव जैसा माहौल देखने को मिला। बीते कई दिनों से घने कोहरे और कड़ाके की ठंड के कारण लोग घरों में कैद थे, लेकिन गुरुवार को जैसे ही मौसम में हल्का बदलाव आया और कुछ समय के लिए धूप खिली, वैसे ही लोग बड़ी संख्या में घरों से बाहर निकल पड़े। इसका सबसे ज्यादा असर अस्सी घाट पर देखने को मिला, जहां सुबह से ही लोगों की आवाजाही बढ़ती चली गई और दोपहर तक घाट पूरी तरह गुलजार नजर आया।
 

वाराणसी। काशी में गुरुवार को क्रिसमस के अवसर पर अस्सी घाट पर उत्सव जैसा माहौल देखने को मिला। बीते कई दिनों से घने कोहरे और कड़ाके की ठंड के कारण लोग घरों में कैद थे, लेकिन गुरुवार को जैसे ही मौसम में हल्का बदलाव आया और कुछ समय के लिए धूप खिली, वैसे ही लोग बड़ी संख्या में घरों से बाहर निकल पड़े। इसका सबसे ज्यादा असर अस्सी घाट पर देखने को मिला, जहां सुबह से ही लोगों की आवाजाही बढ़ती चली गई और दोपहर तक घाट पूरी तरह गुलजार नजर आया।

घाट पर पहुंचे लोगों ने गंगा किनारे लगे ठेले और खोमचों पर तरह-तरह के व्यंजनों का स्वाद लिया। कहीं लोग गर्म चाय के साथ पकौड़ों का आनंद लेते दिखे तो कहीं परिवार के साथ चाट, गोलगप्पे, भुट्टा और अन्य स्ट्रीट फूड का लुत्फ उठाते नजर आए। ठंडे मौसम में गरमागरम खाद्य पदार्थों ने लोगों की सैर को और भी खास बना दिया। इसके साथ ही बड़ी संख्या में पर्यटक और स्थानीय नागरिक गंगा में नौकाविहार करते दिखाई दिए। गंगा की शांत लहरों पर नौकाओं की कतारें अस्सी घाट की सुंदरता में चार चांद लगा रही थीं।

क्रिसमस के अवसर पर स्कूलों में अवकाश होने के कारण घाट पर बच्चों की भी अच्छी-खासी मौजूदगी रही। अभिभावक अपने बच्चों को लेकर घूमने पहुंचे और घाट पर लगे झूले, चरखी और अन्य मनोरंजन के साधन बच्चों के लिए आकर्षण का केंद्र बने रहे। बच्चों ने झूलों का भरपूर आनंद लिया, वहीं कई बच्चे बैटरी से चलने वाली इलेक्ट्रिक बाइक पर सवारी करते नजर आए। बच्चों की हंसी और शोर-शराबे से घाट का माहौल पूरी तरह जीवंत और उल्लासपूर्ण हो उठा।

घूमने आए लोगों का कहना था कि क्रिसमस और स्कूलों की छुट्टी होने के कारण बच्चों को घर में बैठाने के बजाय उन्हें खुले वातावरण में घुमाने लाना बेहतर लगा। उन्होंने बताया कि घाटों पर आकर न केवल परिवार के साथ समय बिताने का अवसर मिलता है, बल्कि बच्चों को भी प्रकृति और संस्कृति से जुड़ने का अनुभव होता है। कई लोग गंगा आरती स्थल और घाट की सीढ़ियों पर बैठकर गंगा दर्शन करते हुए शांति के पल बिताते दिखाई दिए।

पर्यटकों के साथ-साथ स्थानीय लोग भी इस अवसर का भरपूर आनंद लेते नजर आए। कहीं मित्रों का समूह सेल्फी लेता दिखा तो कहीं बुजुर्ग लोग घाट की सीढ़ियों पर बैठकर धूप सेंकते हुए आपस में बातचीत करते नजर आए। कुल मिलाकर, मौसम में मिली थोड़ी राहत और क्रिसमस की छुट्टी ने अस्सी घाट को पूरी तरह रौनक से भर दिया। स्थानीय लोगों और सैलानियों की मौजूदगी से काशी का यह प्रसिद्ध घाट एक बार फिर उत्सव, आनंद और सामाजिक मेल-जोल का प्रमुख केंद्र बन गया।