काशी तमिल संगम के तीसरे दल ने किया बाबा विश्वनाथ का दर्शन, देखी कॉरिडोर की भव्यता 

काशी तमिल संगमम के तीसरे दल शनिवार को श्री काशी विश्वनाथ धाम पहुंचा। तमिल लेखकों के दल का धाम में डमरू वादन और पुष्प वर्षा कर भव्य स्वागत किया गया। तमिल मेहमानों ने बाबा विश्वनाथ का दर्शन-पूजन करने के साथ ही कॉरिडोर का भ्रमण किया। इसके बाद अन्न क्षेत्र में प्रसाद ग्रहण किया। 
 

वाराणसी। काशी तमिल संगमम का तीसरा दल शनिवार को श्री काशी विश्वनाथ धाम पहुंचा। तमिल लेखकों के दल का धाम में डमरू वादन और पुष्प वर्षा कर भव्य स्वागत किया गया। तमिल मेहमानों ने बाबा विश्वनाथ का दर्शन-पूजन करने के साथ ही कॉरिडोर का भ्रमण किया। इसके बाद अन्न क्षेत्र में प्रसाद ग्रहण किया। 

कॉरिडोर के भ्रमण के दौरान अतिथियों को धाम के ऐतिहासिक महत्व, प्राचीन स्थापत्य कला, कॉरिडोर के विस्तार, नई सुविधाओं तथा श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या को ध्यान में रखकर किए गए निर्माणों के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई। समूह के सदस्यों ने धाम की विशालता, स्वच्छता और प्रबंधन की सराहना की।

दर्शन और भ्रमण के बाद सभी अतिथियों के लिए मंदिर परिसर स्थित अन्नक्षेत्र में विशेष भोजन की व्यवस्था की गई। यहां परोसे गए प्रसाद ने आगंतुकों को काशी की सेवा-परंपरा, अतिथि-सत्कार और आध्यात्मिक माहौल का गहरा अनुभव कराया। समूह के सदस्यों ने बताया कि अन्नक्षेत्र का भोजन केवल प्रसाद नहीं, बल्कि काशी की संस्कृति और भावनाओं का सच्चा प्रतीक है।

काशी तमिल संगमम का यह दौरा काशी और तमिलनाडु के सांस्कृतिक, आध्यात्मिक और ऐतिहासिक संबंधों को और अधिक मजबूत करने वाला साबित हुआ। समूह के सदस्यों ने उत्साहपूर्वक “हर हर महादेव” के जयकारे लगाए और कहा कि काशी की यात्रा उनके लिए अविस्मरणीय रहेगी। उन्होंने यह भी बताया कि यह संगम दो प्राचीन संस्कृतियों के बीच गहरा भावनात्मक जुड़ाव बनाता है।