काशी विद्यापीठ में रैंगिंग के आरोप को लेकर दो पक्षों में जमकर बवाल, दोनों पक्षों के ओर से पुलिस में की गई शिकायत

 
वाराणसी। काशी विद्यापीठ विश्वविद्यालय के पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग के रूम नंबर-21 में बुधवार को दो छात्राओं में जमकर बवाल हो गया। जब बीए ऑनर्स प्रथम वर्ष की एक छात्रा और एमए की एक छात्रा के बीच जमकर मारपीट हो गई। घटना के दौरान क्लास रूम का दरवाजा बंद था, जिससे माहौल और तनावपूर्ण हो गया। फिलहाल, विद्यापीठ प्रशासन दोनों पक्षों से प्राप्त शिकायतों के आधार पर जांच कर रहा है।

बीए छात्रा के आरोप: सीनियर कर रहे प्रताड़ित

चंदौली की रहने वाली बीए ऑनर्स फर्स्ट ईयर की छात्रा ने कुलानुशासक को दिए प्रार्थना पत्र में चार सीनियर छात्राओं—प्रिया राय, दिया मौर्या, सुभेक्षा सिंह, और एक अन्य—पर गंभीर आरोप लगाए।

छात्रा ने लिखा:

"बीते एक हफ्ते से मेरी सीनियर छात्राएं मुझे लगातार प्रताड़ित कर रही हैं। बुधवार को उन्होंने मुझे एक अलग कक्ष में ले जाकर मेरा गला दबाने की कोशिश की, मारपीट की, और जातिसूचक गालियां दीं। साथ ही, मुझे क्लास में दोबारा प्रवेश करने से मना कर दिया और कक्षा में बंद कर दिया। किसी तरह वहां से बाहर निकलने में कामयाब हुई हूं। कृपया नियमानुसार कार्रवाई करें।"

एमए की छात्रा ने लगाया अभद्रता का आरोप

दूसरी ओर, एमए पत्रकारिता एवं जनसंचार की छात्रा ने सिगरा थाने को संबोधित अपने प्रार्थना पत्र में चार लोगों—शिवम तिवारी, अनुराग राय, गौरव सिंह और अन्य अज्ञात—पर गंभीर आरोप लगाए।

उसने लिखा: "मानविकी संकाय में इन लोगों ने मेरे साथ अभद्रता और मारपीट की। जाते-जाते जान से मारने और किडनैप करने की धमकी भी दी। इनकी आपराधिक गतिविधियों से मैं डरी और सहमी हूं। कृपया इस मामले में उचित कार्रवाई करें।"

प्रॉक्टर बोले -  रैगिंग की शिकायत पोर्टल पर होगी दर्ज

चीफ प्रॉक्टर डॉ. केके सिंह ने बताया कि विवाद की सूचना मिलते ही कक्षा का दरवाजा खुलवाकर छात्राओं को बाहर निकाला गया। उन्होंने कहा कि अगर रैगिंग की बात सामने आती है, तो इसे ऑनलाइन पोर्टल पर दर्ज किया जाएगा। चूंकि यह छात्राओं का मामला है, इसलिए हर कदम सावधानी से उठाया जा रहा है।

इस विवाद के बाद विद्यापीठ प्रशासन ने कैंपस में भारी पुलिस बल तैनात किया है, ताकि माहौल शांत रहे। मामले की गंभीरता को देखते हुए प्रशासन ने सभी आरोपों की जांच शुरू कर दी है। दोनों पक्षों की शिकायतों को ध्यान में रखते हुए उचित और निष्पक्ष कार्रवाई का भरोसा दिया गया है।