काशी में स्थापित होगी प्रदेश की सबसे बड़ी मां शारदा की प्रतिमा, मूर्तियों को अंतिम रूप देने में जुटे कारीगर

 
स्पेशल रिपोर्ट/ओमकारनाथ

वाराणसी। जनपद में सरस्वती पूजा के लिए चंद दिन ही शेष बचे हैं। शिव की नगरी काशी में बुधवार को ज्ञान की देवी मां सरस्वती की आराधना की जाएगी। जगह-जगह मां सरस्वती की प्रतिमा स्थापित की जाएगी। ऐसे में मां सरस्वती की प्रतिमा को अंतिम रूप देने में कारीगर जुट गए हैं। 

मां सरस्वती की प्रतिमा को खोजवां में मूर्त रूप दिया जा रहा है। प्रदेश की सबसे बड़ी मां सरस्वती की प्रतिमा काशी में तैयार हो रही है। बताया जा रहा है कि इनके शृंगार की सामग्रियां कोलकाता से आई हैं। जिले के चेतगंज में प्रदेश की सबसे बड़ी प्रतिमा स्थापित होगी। इस दौरान मां की झांकी बंगाली परंपरा में दिखेगी। इस प्रतिमा की बैठी मुद्रा में 18 फीट और कुल ऊंचाई 35 फीट है। इतना ही नहीं मां के शृंगार की सामग्रियां करीब ढाई लाख की हैं।

 

बताया जा रहा है कि इस प्रतिमा को एनिमेशन थीम पर पूजा पंडाल में स्थापित किया जाएगा। मां सरस्वती के साथ पंडाल में भगवान शिव, गणेश और कार्तिक भी विराजेंगे। खोजवां स्थित मूर्ति कारखाने में तैयार हो रही प्रतिमा को 12 कारीगर तीन माह से तैयार कर रहे हैं। 

अब तक नहीं बनी मां की इतनी बड़ी प्रतिमा

मां की प्रतिमा को मूर्त रूप देने वाले मुख्य कारीगर अभिजीत विश्वास ने बताया कि इतनी बड़ी प्रतिमा वह पहली बार बना रहे हैं। उनका दावा है कि इतनी बड़ी प्रतिमा अब तक प्रदेश में कहीं नहीं बनी है। इस प्रतिमा में मां का चेहरा बंगला परंपरा में होगा। आंखें परवल की आकृति में होगी। सार्वजनिक पूजनोत्सव के तहत आर्यावत स्पोर्टिंग क्लब की ओर से चेतगंज के पूजा पंडाल में इसे स्थापित किया जाएगा। 

श्रृंगार के लिए खर्च हो रहे चार लाख रुपयों से अधिक

क्लब के कार्यवाहक अध्यक्ष पृथ्वी ने बताया कि दुर्गा पूजा से ही इस प्रतिमा के निर्माण की तैयारी शुरू हो गई थी। उसी समय ही शृंगार, आभूषण के लिए कोलकाता में ऑर्डर दिए गए थे। मूर्ति बनाने और शृंगार सामग्री सहित चार लाख रुपये से अधिक खर्च हो रहे हैं। पंडाल में सात दिवसीय विविध आयोजन होंगे।

कोलकाता से मनाया गया है मां का श्रृंगार

अभिजीत ने बताया कि मां का श्रृंगार लगभग दो से ढाई माह में बनकर तैयार हुआ है। इनके मूर्ति को बनाने के लिए स्पेशल आर्डर दिया गया था। और उनकी मूर्ति लगभग ढाई लाख में बनकर तैयार हुई है। मूर्ति में जब सिंगार किया जाएगा तो यह मूर्ति संजीव सा प्रतीत होगी।

साढ़े पांच फीट का है मां का मुकुट

इस प्रतिमा का मुकुट ही साढ़े पांच फीट है। अभिजीत विश्वास ने बताया कि मुकुट के अलावा मां का चेहरा ढाई फीट का है। क्लब ने इस प्रतिमा का नाम चेतगंज की बड़ी महारानी रखा है।

भगवान शंकर और उनके पुत्र मां का करेंगे स्वागत

मूर्ति बनाने वाले कलाकार अभिजीत ने बताया कि माता सरस्वती का आगमन भगवान शंकर और उनके दोनों पुत्र भगवान गणेश और कार्तिक कर रहे हैं माता सरस्वती का आगमन भगवान गणेश शहनाई और भगवान गणेश ढोलक बजाकर करते हुए दिखाई देंगे। जो अपने आप में विशेष है।