अधिवक्ता ने ही रची थी अपने अपहरण की झूठी साजिश, सीएम योगी ने भी प्रकरण की जांच के दिए थे आदेश

 
वाराणसी। मंडुआडीह थाना क्षेत्र के भुल्लनपुर के रहने वाले लापता अधिवक्ता सुरेंद्र पटेल मामले का पुलिस ने पर्दाफाश किया है। इस घटना के मद्देनजर पुलिस व प्रशासनिक महकमे में काफी हड़कंप मचा गया था। बीते दिनों अधिवक्ता के गायब होने को लेकर सेंट्रल बार के अधिवक्ताओं ने सीएम योगी को भी अवगत कराया था। जिसके बाद पुलिस कमिश्नर मोहित अग्रवाल ने इस मामले में सक्रियता दिखाते हुए सर्विलांस व एसओजी टीम के जरिए अधिवक्ता का पता लगा लिया। डीसीपी वरुणा जोन श्याम नारायण सिंह ने इसका खुलासा किया। 

डीसीपी ने खुलासा करते हुए बताया कि 27 मार्च को अधिवक्ता क्षेत्र से लापता हो गए थे। जिसके बाद पुलिस, एसओजी व सर्विलांस टीम ने अधिवक्ता की खोजबीन की। पुलिस ने अधिवक्ता को प्रयागराज स्टेशन के पास से सोमवार देर रात बरामद किया है। अधिवक्ता ने अपने अपहरण की साजिश खुद रची थी। पुलिस गिरफ्तार अधिवक्ता के खिलाफ अग्रिम कार्यवाही में जुटी हुई है। 

OLX से नया मोबाइल ख़रीदा फिर दिया वारदात को अंजाम

डीसीपी ने बताया कि अधिवक्ता सुरेन्द्र पटेल ने साजिश के तहत OLX से पुराना मोबाईल खरीदा और उसी दिन उसमें नया सिम लगाया लेकिन किसी से बातचीत नहीं किया। उसने 27 मार्च को अपना नया व पुराना दोनों सिम बंद कर दिया और 28 मार्च को बिजनौर में जाकर नया सिम ऑन किया। इसके बाद 4 अप्रैल को हरियाणा, पंजाब व गुजराज होते हुए मुम्बई गया। 

14 अप्रैल तक वह मुंबई में ही रहा, इसके बाद उसी दिन मध्य प्रदेश आया। मध्य प्रदेश में नया मोबाईल बन्द कर पुराना मोबाईल ऑन किया। उसके बरामदगी हेतु महाराष्ट्र व ग्वालियर के लिए पहले से ही टीमें रवाना किया गया था । तीसरी टीम द्वारा (सर्विलांस, एसओजी व थाना मण्डुवाडीह) तकनीकी निगरानी से जनपद प्रयागराज रेलवे स्टेशन के पास से बरामद किया गया।

बैंकों के लोन से परेशान होकर उठाया कदम

पूछताछ में अधिवक्ता सुरेन्द्र पटेल ने बताया कि उसने कई बैंकों से लोन लिया गया था, जिसकी किस्तें टूट रही थी। बैंक पैसों की रिकवरी के लिए बार-बार उस पर दबाव बना रहे थे, जिससे वह काफी तंग आ चुका था। कई नंबर ब्लाक भी किया लेकिन हर बार नए नंबर से फोन आ रहा था। इसी से तंग आकर उसने अपने अपहरण की साजिश रची। 

बताया कि 27 मार्च को वह अपने बाइक से घर से निकला और फुलवरिया गेट नं० 4 के पास ले जाकर खड़ा कर दिया। वहां से पैदल ही कैण्ट स्टेशन जाकर ट्रेन पकड़कर बिजनौर, हरियाणा, गुजरात होते हुए मुम्बई गया। जाते समय रास्ते से अपने भाई को भ्रमित करने हेतु एक टेक्स्ट मैसेज स्वयं के अपहरण का डाल दिया, जिससे कि उसके घर वाले गेट नं० 4 पर पहुंचकर बाईक वहां से प्राप्त कर लें।