काशी में बाबा बटुक भैरवनाथ का वार्षिक त्रिगुणात्मक श्रृंगार, उमड़ा श्रद्धालुओं का सैलाब, भंडारे में 5 हजार भक्तों के लिए प्रसाद की व्यवस्था
वाराणसी। कमच्छा स्थित प्राचीन बाबा बटुक भैरव मंदिर में रविवार को वार्षिक त्रिगुणात्मक श्रृंगार किया गया। बीते 29 वर्षों से लगातार आयोजित हो रहे इस दो दिवसीय धार्मिक आयोजन में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने सहभागिता की और बाबा के दर्शन-पूजन कर आशीर्वाद प्राप्त किया।
मंदिर के महंत जितेंद्र मोहन पुरी ‘विजय गुरु’ ने बताया कि रविवार की भोर में प्रातः 4 बजे बाबा का पंचामृत स्नान कराया गया। इसके पश्चात 51 किलो सफेद बेला के फूलों से सात्विक श्रृंगार किया गया और विधि-विधान से पूजन व प्रातः आरती संपन्न हुई। सायंकाल 4 बजे विभिन्न प्रकार के सुगंधित फूलों एवं राजसी वस्त्रों से बाबा का भव्य राजसी श्रृंगार किया गया, जिसके बाद बाबा को छप्पन भोग अर्पित किया गया।
सायं 7 बजे से लोक कल्याण की कामना के साथ महंत जितेंद्र मोहन पुरी के सानिध्य में रुद्र बटुक महायज्ञ का आयोजन किया गया, जो रात्रि 10 बजे तक अनवरत चला। विशेष बात यह रही कि इस यज्ञ के लिए मंदिर प्रांगण में स्थित हवन कुंड को वर्ष में केवल एक बार पूर्ण रूप से खोला जाता है। लगभग छह फीट गहरे इस हवन कुंड में साकला, विभिन्न मेवे, धान का लावा, शहद, बताशा, तांत्रोक्त जड़ी-बूटियां एवं शुद्ध देशी घी आदि सामग्री से आहुति दी गई। यज्ञ में शामिल होने के लिए वाराणसी ही नहीं, बल्कि देश के विभिन्न हिस्सों से श्रद्धालु पहुंचे।
रात्रि 8 से 9 बजे तक बाबा की विशेष आरती हुई, वहीं रात्रि 10 बजे बाबा का तामसी श्रृंगार कर तामसी भोग अर्पित किया गया तथा चक्रासन पूजन संपन्न हुआ। सोमवार 22 दिसंबर को पूर्वाह्न 11 बजे से मंदिर प्रांगण में बटुक पूजन का आयोजन किया जाएगा, जिसमें लगभग 1100 बटुकों का विधिवत पूजन कर उन्हें भोजन कराया जाएगा। इसके उपरांत विशाल भंडारे का आयोजन होगा, जिसमें करीब 5000 श्रद्धालुओं के लिए प्रसाद की व्यवस्था की गई है।
इस अवसर पर महंत दीपक पुरी, महंत भास्कर पुरी, महंत राकेश पुरी सहित अनेक शिष्यगण उपस्थित रहे। श्रद्धालुओं का मानना है कि बाबा बटुक भैरव नाथ की पूजा से न केवल भौतिक सुख-समृद्धि प्राप्त होती है, बल्कि मानसिक शांति और आध्यात्मिक उन्नति का मार्ग भी प्रशस्त होता है।