ज्ञानवापी परिसर ASI सर्वे याचिका पर सुन्नी वक्फ बोर्ड ने जताई आपत्ति, 3 अक्टूबर को होगी अगली सुनवाई

 
वाराणसी। ज्ञानवापी मंदिर के लार्ड विश्वेश्वर मामले में वाद मित्र विजय शंकर रस्तोगी द्वारा सम्पूर्ण परिसर का सर्वे कराने के लिए दायर याचिका पर सुन्नी वक्फ बोर्ड ने आपत्ति जताई है। बोर्ड ने कोर्ट में अपना पक्ष रखते हुए कहा कि चूंकि पहले हुए ASI सर्वेक्षण की रिपोर्ट पर कोई आपत्ति नहीं जताई गई थी, इसलिए अब फिर से सर्वे कराने का अनुरोध अस्वीकार्य होना चाहिए और इसे खारिज कर देना चाहिए।

वक्फ बोर्ड की दलीलें सुनने के बाद सिविल जज सीनियर डिवीजन और फास्ट ट्रैक कोर्ट के न्यायाधीश युगल शंभू ने प्रतिवादी अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी को 3 अक्टूबर को अपना पक्ष प्रस्तुत करने का अवसर दिया है।

वादी ने पूर्व सर्वे पर आपत्ति दर्ज नहीं की थी

वक्फ बोर्ड के वकील तौहीद खान ने अदालत के समक्ष प्रस्तुत करते हुए कहा कि वाद मित्र विजय शंकर रस्तोगी द्वारा सम्पूर्ण ज्ञानवापी परिसर का ASI सर्वे कराने की याचिका दी गई है। वकील ने तर्क दिया कि पहले जब ASI का सर्वे हुआ था और उसकी रिपोर्ट अदालत में जमा की गई थी, तब वाद मित्र ने कोई आपत्ति दर्ज नहीं की थी। ऐसे में अब नया सर्वे कराने का अनुरोध सुनवाई योग्य नहीं है।

अतिरिक्त प्रार्थना पत्र अस्वीकार्य

तौहीद खान ने यह भी कहा कि वाद मित्र का यह नया अनुरोध, अतिरिक्त सर्वे कराने का, स्वीकार नहीं किया जा सकता और इसे खारिज किया जाना चाहिए। न्यायाधीश ने सभी दलीलें सुनने के बाद इस मामले की अगली सुनवाई के लिए 3 अक्टूबर की तारीख तय की है।

अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी रखेगी अपना पक्ष

इस मामले में 3 अक्टूबर को मसाजिद कमेटी को अदालत में अपना पक्ष रखने का मौका मिलेगा, जिसके बाद अदालत इस याचिका पर निर्णय लेगी।