अचानक सांस फूलना-बेहोशी भी Heart Attack के लक्षण, 20-40 के उम्र वाले युवा ज्यादा, डॉ० ओमशंकर ने बताए बचने के उपाय

 
रिपोर्ट- ओमकार नाथ


वाराणसी। आमतौर पर सीने में दर्द, पसीना आना, सीने का दर्द, जबड़ा, गला, कान तक पहुंच जाने को हार्ट अटैक व एंजाइना के मुख्य लक्षणों में माना और समझा जाता है, पर अब इनमें भी नयापन देखने को मिल रहा है। काशी हिंदू विश्वविद्यालय स्थित हृदय रोग विभाग के हेड प्रोफेसर डॉक्टर ओम शंकर ने कहा कि हार्ट अटैक व एंजाइना के नए लक्षण वाले मरीज इस समय अस्पताल में ज्यादा पहुंच रहे हैं। किसी को बेहोशी, तुंरत सांस फूलना, कुछ देर के लिए दिमाग सुन्न होना व हाथ-पैर पूरी तरह शिथिल होने की शिकायतें रहीं।


इन नए लक्षणों (Symptoms of Heart Attack) से डॉक्टर भी हैरान हैं। उनका कहना है कि हार्ट अटैक व एंजाइना के मरीजों में नए लक्षण तेजी से मिल रहे हैं। डॉक्टरों का कहना है कि कॉर्डियोलॉजी में नए लक्षण वाले मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ी है। खासतौर पर 15 दिन के अंतराल में ऐसे मरीजों की संख्या रोजाना 20 से 25 मरीज के बीच की है। नए लक्षण वाला मरीज पहले तो समझ ही नहीं पाता है कि उसे दिक्कत किस वजह से हुई है।

डॉ ओमशंकर बताते हैं कि, हार्ट अटैक व एंजाइना के नए लक्षण (Symptoms of Heart Attack) रहे हैं। बेहोशी, सांस फूलना, अचानक चक्कर, हाथ पैर शिथिल होने की शिकायतों वाले मामले बढ़े हैं। युवा भी इनकी चपेट में आने से अछूते नहीं हैं। सावधानी बरतने की बेहद जरूरत है।

45 परसेंट मरीजों की उम्र 20 से 40 वर्ष के बीच

नए लक्षण वाले मरीजों पर गौर करें तो रोजाना आने वालों की संख्या का करीब 45 परसेंट युवा होते हैं। इनकी उम्र 20 से 45 साल के बीच होती है। इनको पहले कभी दिक्कत नहीं हुई। युवाओं में बढ़ता यह मर्ज सेहत के प्रति लापरवाही व बिगड़ी लाइफ स्टाइल के कारण है। नशा करना व शारीरिक कसरत से दूरी खतरे को और बढ़ावा देती है।