कोलकाता की घटना के विरोध में BHU में छात्रों ने निकाला मार्च, परिसर में छात्राओं की सुरक्षा बढ़ाने को बुलंद की आवाज़
वाराणसी। कोलकाता की घटना को लेकर समाज के हर तबके के लोग निंदा कर रहे हैं। महिलाएं पुरुष स्वयंसेवी संस्थाएं इसके खिलाफ जमकर नारेबाजी कर रहे हैं। कोलकाता में रेजीडेंट चिकित्सक के साथ बर्बरतापूर्ण दुष्कर्म व हत्या से आक्रोशित बीएचयू के छात्रों ने सैकड़ों की संख्या में मंगलवार को जमकर नारेबाजी करते हुए विश्वविद्यालय स्थित विश्वनाथ मंदिर से सिंहद्वार तक एकजुटता मार्च निकाला।
इस दौरान छात्रों के समूह ने आजादी-आजादी के नारे को लगाते हुए महिला सुरक्षा की डिमांड सरकार से की। उनके द्वारा जमकर नारेबाजी की जा रही थी और हाथों में स्लोगन लिखे तख्तिया लिए हुए थे। सैकड़ो की संख्या में छात्र-छात्राओं ने परिसर में प्रतिरोध मार्च निकाला। काशी हिंदू विश्वविद्यालय में एकजुटता मार्च निकाला गया। यह मार्च काशी हिंदू विश्वविद्यालय स्थित विश्वनाथ मंदिर से निकलकर सिंह द्वारा तक गया। मार्च निकालने के बाद वहां सभा में तब्दील हो गया। सड़क मार्ग में जमकर नारेबाजी किया गया। मार्च निकालकर कुलपति आवास के पास 10 मिनट गेट के लिए निकल गया। इस दौरान मार्च में सैकड़ो की संख्या में छात्र-छात्राएं मार्च में शामिल रहे।
निडर होकर काम करने की चाहिए आजादी
मार्च में शामिल एक छात्रा ने कहा कि हमें एक वैसा वातावरण चाहिए कि हम रात को भी आजाद होकर बिना डर के घूम सकें। पढ़ाई लिखाई के साथ अपना कार्य कर सकें। उन्होंने कहा कि हर 10 साल पर एक मुद्दा खड़ा होता है, निर्भया जैसा और हम अपनी बातों और हक की लड़ाई लड़ने के लिए सड़क पर उतर जाते हैं। उन्होंने कहा कि घर में हमें देवी की संध्या दी जाती है और बाहर इस तरह के कुकर्म हमारे साथ हो जाते हैं। इसलिए आज हम अपने हक की लड़ाई लड़ने के लिए या मार्च निकाल रहे हैं और सरकार से मांग कर रहे हैं कि उस डॉक्टर के साथ न्याय हो और एक कड़ा कानून बने।
कोलकाता की घटना पर बीएचयू में भी छात्रों में उबाल
मार्च निकाल रहे एक छात्र ने कहा कि पिछले दिनों कोलकाता में शर्मसार करने वाली एक घटना हुई। उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति जिसका हम गुणगान करते हैं, वहां हम महिलाओं को सुरक्षा नहीं दे पा रहे हैं और यह घटनाएं समाज में आए दिन घट रही हैं। पिछले 8 दिनों से हर कोई न्याय के लिए विरोध कर रहा है। आज इसी क्रम में बीएचयू के छात्र भी निकले है और सरकार से यह डिमांड करते हैं कि वह कठोर कार्रवाई करें और दोषियों को सजा दें।