BHU के राजाराम हॉस्टल में छात्रों का विरोध, कमरा आवंटन न होने पर भड़के, कर्मियों को बनाया बंधक 

बीएचयू में नया शैक्षणिक सत्र शुरू होने के बावजूद राजा राममोहन राय छात्रावास में कमरा आवंटन न होने से नाराज कुछ छात्रों ने बुधवार को विरोध-प्रदर्शन किया। अव्यवस्था से आक्रोशित छात्रों ने हॉस्टल के कर्मचारियों को बंधक बना लिया। छात्रों ने हॉस्टल प्रशासन पर उनकी मांगों को नजरअंदाज करने और आवंटन प्रक्रिया में पारदर्शिता की कमी का आरोप लगाया। सूचना के बाद पहुंचा प्रॉक्टोरियल बोर्ड उन्हें समझाने में जुटा रहा। 
 

वाराणसी। बीएचयू में नया शैक्षणिक सत्र शुरू होने के बावजूद राजा राममोहन राय छात्रावास में कमरा आवंटन न होने से नाराज कुछ छात्रों ने बुधवार को विरोध-प्रदर्शन किया। अव्यवस्था से आक्रोशित छात्रों ने हॉस्टल के कर्मचारियों को बंधक बना लिया। छात्रों ने हॉस्टल प्रशासन पर उनकी मांगों को नजरअंदाज करने और आवंटन प्रक्रिया में पारदर्शिता की कमी का आरोप लगाया। सूचना के बाद पहुंचा प्रॉक्टोरियल बोर्ड उन्हें समझाने में जुटा रहा। 

छात्रों का कहना है कि 7 जुलाई से विभाग खुलने के बाद भी हॉस्टल की सुविधा उपलब्ध नहीं कराई गई है। अवकाश से पहले प्रशासन ने हॉस्टल खाली करने का निर्देश देते हुए मरम्मत का आश्वासन दिया था, लेकिन कोई मरम्मत कार्य नहीं कराई गई। कई छात्रों को अभी तक कमरे नहीं मिले हैं, जबकि कुछ को बिना बुनियादी सुविधाओं वाले अस्थायी कमरों में रहने को मजबूर किया गया है। छात्रों ने सवाल उठाया कि जब विश्वविद्यालय के अन्य विभागों में हॉस्टल आवंटन हो चुका है, तो राजाराम छात्रावास में यह प्रक्रिया क्यों लंबित है। उनकी मांग है कि प्रशासन तत्काल प्रभाव से कमरे आवंटित करे और आवंटन प्रक्रिया में पारदर्शिता बरते। 

छात्रों के प्रदर्शन की सूचना मिलने पर हॉस्टल वार्डन प्रोफेसर अमरनाथ पासवान मौके पर पहुंचे। छात्रों ने अपनी शिकायतों का पत्र सौंपा, लेकिन वार्डन ने उल्टा छात्रों पर ही नाराजगी जाहिर की। उन्होंने कहा, "तुम लोग एक दलित प्रोफेसर को परेशान कर रहे हो।" जवाब में छात्रों ने माफी मांगते हुए स्पष्ट किया कि उनका इरादा किसी को परेशान करना नहीं, बल्कि अपने हक की मांग करना है।

छात्रों और वार्डन के बीच लंबी बहस के बाद मौके पर विश्वविद्यालय की प्राक्टोरियल बोर्ड की टीम पहुंची। हालांकि, अभी तक कोई ठोस समाधान नहीं निकला है। छात्रों का कहना है कि वे तब तक विरोध जारी रखेंगे, जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं हो जातीं। छात्रों ने हॉस्टल प्रशासन की कार्यशैली पर गंभीर सवाल उठाए हैं। उनका आरोप है कि प्रशासन उनकी शिकायतों को गंभीरता से नहीं ले रहा। एक छात्र ने कहा, "हमारी पढ़ाई प्रभावित हो रही है। बिना हॉस्टल के हम कहां रहें? प्रशासन को हमारी समस्याओं का तुरंत समाधान करना चाहिए।"