किस्सा बनारस का: जब कांग्रेस नेता ने अटल जी को गिरफ़्तारी से बचाया, ‘संघी’ को खोजने आया था कोतवाल

 
वाराणसी। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी पक्ष और विपक्ष दोनों के चहेते नेता माने जाते हैं। अटल जी के साथ इंदिरा गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरु के कई किस्से हैं। जबकि अटल जी संघ के पुरनिये थे, वहीं जवाहर लाल नेहरु कांग्रेस के कद्द्वर नेता। अटल जी के कांग्रेस नेताओं से घनिष्टता बताती है कि विचारधारा में भले अंतर हो जाए, लेकिन व्यक्तिगत संबंध कभी खराब नहीं करने चाहिए। 

इसी बीच अटल जी का बनारस में भी एक किस्सा है, जब एक कांग्रेस नेता ने उन्हें गिरफ़्तारी से बचाया था। घटना आजादी के बाद की है। जब महात्मा गांधी की हत्या के बाद आरएसएस पर बैन लगा दिया गया था। उस दौरान अटल बिहारी वाजपेयी ने बनारस के पक्के महाल के दूध विनायक इलाके स्थित एक घर में शरण ली। 

यह घर कांग्रेस नेता वीरेश्वर अय्यर का था। वीरेश्वर ने अपने घर में अटल को शरण दी थी। इसकी सूचना कोतवाली थाने में पहुंच गई थी। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, जब कोतवाल अटल जी को ढूंढते हुए मोहल्ले में पहुंचा। उस दौरान वीरेश्वर पाने घर के बाहर ड्योढ़ी पर खड़े थे। कोतवाल ने वीरेश्वर से पूछा – कोई ‘संघी’ यहां पर है। वीरेश्वर ने तपाक से जवाब दिया – नहीं, कोई संघी यहां पर नहीं है। इतना सुनते ही कोतवाल दबे पांव वापस लौट गया। 

बताया जाता है कि वीरेश्वर अय्यर कांग्रेस के तत्कालीन प्रभावशाली नेता थे। इस घटना के बाद अटलजी ने बनारस में अपना ठिकाना बदला दिया था।