इस दिन से शुरू होगा सोरहिया मेला, भगवती महालक्ष्मी की 16 दिनों तक होगी विशेष आराधना, जानिये महात्म्य
वाराणसी। भगवती को समर्पित सोरहिया मेला का शुभारंभ इस बार अष्टमी तिथि को 10 सितंबर दिन मंगलवार की शाम से होगा। हालांकि इसका मान्य 11 तारीख बुधवार से होगा। 16 दिनों तक त्रिशक्ति माता महालक्ष्मी, महाकाली और महासरस्वती की विशेष आराधना होगी। महिलाएं 16 दिनों तक व्रत रहकर माता की आराधना करती हैं। ऐसी मान्यता है कि इस व्रत से माता भगवती की कृपा प्राप्त होती है और भक्तों के सारे मनोरथ पूरे होते हैं।
लक्सा स्थित सिद्धपीठ महालक्ष्मी मंदिर लक्ष्मीकुंड के महंत शिवप्रसाद पांडेय उर्फ लिंगिया महाराज ने बताया कि यह सैकड़ों वर्ष पुरानी परंपरा है। त्रिशक्ति तीनों देवियां त्रिकूट पर्वत पर विराजमान हैं। इनका मेला सोरहिया मेला के नाम से विख्यात है। इस दौरान माताएं-बहने 16 दिनों तक व्रत रहती है। वहीं 16 दुर्बा, 16 अक्षत से माता का पूजन और 16 परिक्रमा करती हैं। उन्होंने बताया कि इस मेला का मान्य अष्टमी से अष्टमी तक होता है। इस दौरान 16 दिनों तक व्रत रहकर आराधना करने वाले भक्तों की त्रिशक्ति भगवती सभी मनोकामना पूरी करती हैं।
उन्होंने बताया कि जो महिलाएं 16 दिनों तक माता का दर्शन-पूजन कर करती हैं। वे अपना अनुष्ठान 10 तारीख मंगलवार की शाम 6 बजे से प्रारंभ करेंगी। बताया कि 25 तारीख को मेला समाप्त होगा। इसके बाद 27 तारीख भगवती महालक्ष्मी माता का वार्षिक श्रृंगार महोत्सव होगा। उसी दिन भगवती का मध्याह्न में दुग्धाभिषेक और पंचामृत स्नान होगा। उन्होंने बताया कि सोरहिया के दौरान मंदिर में स्थापित सभी विग्रहों का श्रृंगार होगा। इसमें विशेषकर माता महालक्ष्मी और जीवितपुत्रिका माता का विशेष श्रृंगार किया जाएगा। इस मेला में जल का बड़ा महत्व है। तालाब के किनारे ही जीवितपुत्रिका की पूजा होती है। उन्होंने नगर निगम, बिजली, पुलिस विभाग से अनुरोध किया कि साफ-सफाई और सुरक्षा व्यवस्था का ध्यान रखा जाए।
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