श्री काशी विश्वनाथ धाम: सपा नेता द्वारा मीडिया को दी गई खबर का मंडलायुक्त ने किया खंडन, कहा – पूरी तरह भ्रामक व निराधार

 

वाराणसी। श्री काशी विश्वनाथ धाम में सपा नेता द्वारा सुगम दर्शन को लेकर भ्रामक खबर मीडिया को दी गई है। इसकी जानकरी मंडलायुक्त कार्यालय के ओर से दी गई। मंडलायुक्त के ओर से बताया गया कि मंदिर व्यवस्था को लेकर सपा नेता द्वारा दिया व्यक्तव्य पूरी तरह भ्रामक व निराधार है। 

मंडलायुक्त कौशल राज शर्मा ने कहा है कि सपा से जुड़े दो नेतागण द्वारा सुगम दर्शन और मंदिर व्यवस्था को लेकर भ्रामक खबर मीडिया को दी गयी है। बताया कि सपा के दो नेतागण द्वारा मंडलायुक्त से चंदौली में विकास प्राधिकरण द्वारा एक मकान का नक्शा पास करने के संबंध में सहायता करने हेतु मुलाक़ात की थी। इसी के साथ सुगम दर्शन के बारे में मात्र वर्तमान दर को 300 से घटाकर 101 रुपये करने हेतु कहा गया। 

मंडलायुक्त से मुलाकात के दौरान सपा नेताओं को बताया गया कि मंदिर में दर्शन पूरी तरह निःशुल्क है। केवल जो लोग बिना लाइन जल्दी दर्शन करना चाहते हैं उनको सुगम दर्शन व्यवस्था उपलब्ध कराई जाती है। इस पर कोई आश्वासन या अन्य कोई वार्ता नहीं हुई। इसके बाद उनके द्वारा फोटो खिंचवाने का अनुरोध किया गया। इन सामान्य बातों के अलावा कुछ उनके द्वारा लिखा या बताया गया है तो वो पूरी तरह निराधार व भ्रामक है।

ये है पूरा मामला

दरअसल, सपा नेता द्वारा मीडिया को खबर दी गई थी कि श्री काशी विश्वनाथ धाम में वी वी आई पी दर्शन करने पर अतिरिक्त पर्ची शुल्क को लेकर सपाई वाराणसी के मंडलायुक्त कौशल राज शर्मा से उनके आवास पर मिले। जिसमें मंडलायुक्त से धाम में कि प्रोटोकॉल होने के वाबजूद वी वी आई पी दर्शन पूजन करने वाले श्रद्धालुओं को तीन सौ रुपए का अतिरिक्त पर्ची शुल्क अदा करने पर विश्वनाथ धाम में दर्शन करने की अनुमति प्रदान की जाती है।

सपा नेता विष्णु शर्मा के ओर से बताया गया कि विश्वनाथ मंदिर मे प्रोटोकाल के बाद भी तीन सौ रुपये की पर्ची काटी जाती है, यह अव्यवहारिक है। उन्होंने कहा कि मंदिर प्रांगण मे अस्थाई कार्य करने वाले कर्मचारी श्रद्धालुओ से ठीक तरीके से व्यवहार नही करते हैं, जिससे आम श्रद्धालुओं मे रोष व्याप्त है। बताया कि सपा नेताओ की मांग पर मंडलायुक्त कौशल राज शर्मा ने आश्वस्त किया कि जल्द ही अतिरिक्त पर्ची शुल्क हटाए जाने को लेकर बैठक मे चर्चा कर अवगत करा दिया जाएगा। अब इस मामले में मंडलायुक्त ने अपना स्पष्टीकरण दिया है।