7 बार के विधायक श्यामदेव राय चौधरी (दादा) पंचतत्व में विलीन, संघर्षमय राजनीतिक जीवन का अंत, शोक में डूबी काशी
वाराणसी। काशी के वरिष्ठ भाजपा नेता और शहर दक्षिणी से सात बार विधायक रहे श्यामदेव राय चौधरी (दादा) का मंगलवार को 85 वर्ष की आयु में निधन हो गया। ब्रेन हैमरेज और हृदयाघात के कारण बीते 5 नवंबर से ओरीयाना अस्पताल में भर्ती दादा ने आज सुबह 10:15 बजे अंतिम सांस ली। उनके निधन से काशी और राजनीतिक जगत में शोक की लहर दौड़ गई।
दादा का अंतिम संस्कार
दादा के पार्थिव शरीर को उनके बड़ादेव स्थित आवास पर अंतिम दर्शन के लिए रखा गया। सायं 4 बजे राजकीय सम्मान के साथ गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। उनकी अंतिम यात्रा बड़ादेव से मणिकर्णिका घाट तक निकाली गई, जो गिरजाघर, गौदोलिया, होजकटोरा और बांसफांटक होते हुए पहुंची। विधि-विधान के साथ उनका अंतिम संस्कार संपन्न हुआ और मुखाग्नि उनके छोटे पुत्र स्वप्रकाश राय चौधरी ने दी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शोक जताया
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने श्यामदेव राय चौधरी के निधन पर गहरी संवेदना व्यक्त करते हुए कहा, "जनसेवा में जीवनपर्यंत समर्पित रहे भाजपा के वरिष्ठ नेता श्यामदेव राय चौधरी जी के निधन से अत्यंत दुख हुआ है। उनका जाना काशी और राजनीतिक जगत के लिए अपूरणीय क्षति है।" उन्होंने अपने एक्स हैंडल पर दादा के साथ दो तस्वीरें साझा करते हुए परिजनों और समर्थकों को इस कठिन समय में धैर्य प्रदान करने की कामना की।
संघर्षमय रहा दादा का राजनीतिक जीवन
दादा का जीवन संघर्ष और सेवा का प्रतीक रहा।
• 1968-1976: जनसंघ के सभासद।
• 1974: जनता कर्फ्यू आंदोलन में जेल गए।
• 1975-1977: आपातकाल के दौरान जेल में बंद।
• 1984: पहली बार शहर दक्षिणी से भाजपा के उम्मीदवार बने।
• 1989-2017: लगातार सात बार विधायक।
• 2007 और 2012: उत्तर प्रदेश विधानसभा में प्रोटेम स्पीकर।
• 2007: भाजपा-बसपा गठबंधन सरकार में स्वतंत्र प्रभार राज्यमंत्री।
"दादा नहीं, यह आंधी है, पूर्वांचल के गांधी हैं," यह नारा दादा की लोकप्रियता का प्रमाण था।
शवयात्रा में उमड़ा जनसैलाब
दादा की शवयात्रा में भाजपा, सपा, कांग्रेस समेत सभी राजनीतिक दलों के नेता, व्यापारी और हज़ारों काशीवासी शामिल हुए। श्रद्धांजलि देने वालों में भाजपा क्षेत्रीय अध्यक्ष दिलीप पटेल, मंत्री रविंद्र जायसवाल, डॉ. दयाशंकर मिश्र, विधायक सौरभ श्रीवास्तव, डॉ. नीलकंठ तिवारी, सुनील पटेल, और अन्य प्रमुख नेता उपस्थित थे।
काशी में बंद रहे बाजार
दादा के निधन की खबर से शोक में डूबे काशीवासियों ने बाजार बंद रखे। उनके संघर्षमय जीवन और काशी के विकास में योगदान को याद करते हुए श्रद्धांजलि अर्पित की गई।
एक युग का अंत
दादा का जीवन समाज सेवा, संघर्ष और राजनीति में अद्वितीय योगदान का उदाहरण था। उनके निधन से काशी और देश ने एक महान नेता खो दिया है। उनके कार्य और आदर्श हमेशा याद किए जाएंगे।