देखें तस्वीरें - मोहर्रम को लेकर बनारस में बनाई गईं रंग-बिरंगी ताजिया 

वाराणसी। मुस्लिम समुदाय के लोगों का खास पर्व मुहर्रम बुधवार को मनाया जा रहा है। 9वें मोहर्रम की रात को इमाम चौक पर बिठाए गये ताजिये 10वीं मोहर्रम पर मातम के साथ कर्बला में ठंडे किये गये। वहीं बनारस में मुस्लिम समुदाय ने रंग बिरंगी ताजियों के जरिए हजरत इमाम हुसैन की शहादत को याद किया है। आज का दिन आशूरा के तौर पर मनाया जाता है। मुहर्रम हजरत इमाम हुसैन के शहादत दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस दिन मुस्लिम लोग धूमधाम से ताजिया निकालते हैं और युवा हैरतअंगेज करतब दिखाते हुए तथा छाती पीटकर शोक प्रगट करते हैं। 
 

वाराणसी। मुस्लिम समुदाय के लोगों का खास पर्व मुहर्रम बुधवार को मनाया जा रहा है। 9वें मोहर्रम की रात को इमाम चौक पर बिठाए गये ताजिये 10वीं मोहर्रम पर मातम के साथ कर्बला में ठंडे किये गये। वहीं बनारस में मुस्लिम समुदाय ने रंग बिरंगी ताजियों के जरिए हजरत इमाम हुसैन की शहादत को याद किया है। आज का दिन आशूरा के तौर पर मनाया जाता है। मुहर्रम हजरत इमाम हुसैन के शहादत दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस दिन मुस्लिम लोग धूमधाम से ताजिया निकालते हैं और युवा हैरतअंगेज करतब दिखाते हुए तथा छाती पीटकर शोक प्रगट करते हैं। 

इस्लाम की धर्म मान्यताओं के मुताबिक, 1445 साल पहले यजीद ने करबला के मैदान में घेरकर तीन दिन का भूखा प्यासा इमाम हुसैन और उनके 71 साथियों को शहीद किया था। इस दिन को याद करके मुहर्रम माह के 10वीं तारीख को मुस्लिम ताजिया निकालते हैं, हजरत-इमाम-हुसेन की कब्र का प्रतीक माना जाता है। ताजिया को रंग-बिरंगे कागज से मकबरे के आकार में बनाया जाता है। 

वाराणसी में कोयला बाजार की नगीने की ताजिया, दोषीपुरा की ताजिया, लद्दनपुरा की टिकुली वाली ताजिया, लद्दनपुरा की जालीवाली ताजिया, लद्दनपुरा की ही कपूर वाली ताजिया,  बाकराबाद की बोराक वाली ताजिया, नई बस्ती की लकड़ी की नक्काशी वाली ताजिया और धन्नीपुरा-कमालपुरा की रांगे वाली ताजिया हर किसी के आकर्षण का केंद्र है।  

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