संकट मोचन संगीत समारोह :  कलाकारों ने महाबली के चरणों में दी नृत्य-संगीत की प्रस्तुति, घुघरू-तबले की जुगलबंदी पर झूमे श्रोता

संकट मोचन संगीत समारोह (Sankat mochan sangeet samaroh) की पांचवीं निशा में दिग्गज कलाकारों ने नृत्य, गीत, संगीत की प्रस्तुति देकर हनुमान जी की साधना की। इस दौरान घुघरू व जबले की जुगलबंदी पर श्रोता झूम उठे। कार्यक्रमों का सिलसिला भोर तक चलता रहा। इस दौरान कलाकारों की प्रस्तुतियों को खूब सराहा गया। 
 

वाराणसी। संकट मोचन संगीत समारोह (Sankat mochan sangeet samaroh) की पांचवीं निशा में दिग्गज कलाकारों ने नृत्य, गीत, संगीत की प्रस्तुति देकर हनुमान जी की साधना की। इस दौरान घुघरू व जबले की जुगलबंदी पर श्रोता झूम उठे। कार्यक्रमों का सिलसिला भोर तक चलता रहा। इस दौरान कलाकारों की प्रस्तुतियों को खूब सराहा गया। 

संगीत समारोह की पांचवीं निशा की शुरूआत जयपुर घराने (Jaipur Gharana) के हरीश गंगानी (Harish gangani) के कथक नृत्य से हुई। हरीश पहली बार बार संकट मोचन संगीत समारोह में हाजिरी लगाने आए थे। उन्होंने राजस्थान की पारंपरिक रचना रंगीला शंभो गौरा ले पधारो प्यारा पावड़ा पर नृत्य प्रस्तुत किया। इस दौरान तबले और घुघरू की शानदार जुगलबंदी पर श्रोता झूम उठे। उन्होंने अपनी प्रस्तुति के जरिये राम भक्त हनुमान जी के विविध भावों का भी दर्शन कराया। उनके साथ सारंगी (Saranagi vadan) पर गौरी बनर्जी सती, तबला (Tabla vadan) पर पं. शुभ महाराज, पखावज पर आशीष गंगानी ने संगत की। गायन व हारमोनियन पर विनोद गंगानी रहे। 

इसके बाद पं. उल्लहास कसालकर (Ullahas kasalkar) ने राग तिलक (Rag tilak) की अवतारणना की। अलापचारी व तानदारी लाजवाब रही। तीसरी प्रस्तुति मैहर घराने (Maihar gharana) ने राकेश चौरसिया (Rakesh chaurasia) ने दी। उन्होंने बांसुरी के मधुर स्वर से मंत्रमुग्ध किया। राकेश पं. हरिप्रसाद चौरसिया (Pt. Hariprasad chaurasia) के भतीजे हैं। उन्हें ग्रैमी अवार्ड (grammy award) भी मिल चुका है। उनके साथ बनारस घराने (banaras Gharana) के संजू सहाय (Sanju Sahai) ने तबले पर संगत की। इसके बाद अन्य कलाकारों ने अपनी प्रस्तुतियों से श्रोताओं को बांधे रखा।