रुंगटा मामले में 26 फरवरी को होगी सुनवाई, सजा के खिलाफ मुख़्तार ने कोर्ट में किया है अपील

 
वाराणसी। विशेष न्यायाधीश (एमपी एमएलए) अवनीश गौतम की अदालत में सोमवार को कारोबारी महावीर प्रसाद रुंगटा और उनके परिवार को बम से उड़ाने की धमकी सबंधित अपील के मामले में सुनवाई हुई। इस मामले में लोअर कोर्ट से पत्रावली आ चुकी है। अगली सुनवाई के लिए 26 फरवरी की तिथि नियत की है। पिछले तिथि पर प्रभारी जिला जज ने अपील को सुनने के बाद इस मामले में  मुख्तार अंसारी की सजा पर रोक लगाते हुए सुनवाई लंबित है।

धमकी के मामले में पिछले वर्ष 15 दिसंबर को एसीजेएम-प्रथम (एमपी एमएलए) उज्ज्वल उपाध्याय की कोर्ट ने पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी को दोषी पाते हुए साढ़े पांच साल की सजा सुनाई थी। इस आदेश के खिलाफ आरोपी के अधिवक्ता श्रीनाथ त्रिपाठी ने जिला जज की अदालत में अपील दाखिल की। प्रभारी जिला जज अनुतोष कुमार शर्मा की कोर्ट ने अपील पर सुनवाई की। अपील स्वीकार करते हुए सजा पर रोक लगा दी।

प्रकरण के अनुसार, चर्चित कोयला कारोबारी और विहिप के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष नंदकिशोर रूंगटा के 22 जनवरी 1997 को अपहरण के बाद उनकी पत्नी ने सीबीआई जांच के लिए आवेदन किया था, जो मंजूर कर लिया गया। इसे लेकर रूंगटा परिवार पैरवी कर रहा था। इस बीच पांच नवंबर 1997 को मुख्तार अंसारी का धमकी भरा फोन आया। कहा कि संभल जाओ, पैरवी करना बंद कर दो। तुम लोग पुलिस में, कोर्ट में या सीबीआई में शिकायत करना बंद कर दो। नहीं तो तुम लोगों को बम से उड़ा दिया जाएगा। तुम्हारा घर बम से उड़ा दिया जाएगा। पुलिस को कोई खबर मत करना। 

महावीर प्रसाद रूंगटा ने 13 नवंबर को तत्कालीन डीआईजी से मिलकर बचाव की गुहार लगाई। डीआईजी के आदेश पर एक दिसंबर 1997 को भेलूपुर पुलिस ने मुख्तार अंसारी पर केस दर्ज किया था।