वाराणसी में बिना लाइसेंस अवैध रूप से चल रहे होटलों पर अग्निशमन विभाग कसेगा शिकंजा, अभियान चलाकर होगी कार्यवाही

 

वाराणसी। बाबा  विश्वनाथ की नगरी काशी में पर्यटन बढ़ने के बाद से ढेरों लॉज और होटल खुल रहे हैं। अक्सर देखा जाता है कि इन होटलों में किसी भी अप्रिय घटना जैसे आग लगने की शिकायत होने पर दमकल के पहुंचने में समस्या होती है या फिर सुविधाएं मौजूद न होने पर समस्या बढ़ जाती है।

ऐसे में पर्यटन व अग्निशमन विभाग इन बिना लाइसेंस वाले होटलों पर अब नकेल कसने जा रहा है। पर्यटन विभाग के अधिकारी संकरी गलियों में अभियान चलाकर इन होटलों की जांच करेंगे। वहीं बिना लाइसेंस अथवा बिना विभागीय NOC के चल रहे इन होटलों पर कार्यवाही की जाएगी। 

बताया जा रहा है कि वाराणसी में पर्यटन बढ़ने के बाद से ही श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के आसपास के क्षेत्र में 300 से ज्यादा होटल व गेस्ट हाउस खुल चुके हैं। जिनमें आग बुझाने के कोई प्रबंध नहीं हैं। ऐसे में भविष्य में खतरा हो सकता है।  शहर के ज्यादातर होटल संचालकों द्वारा अभी तक फायर एनओसी के लिए आवेदन नहीं किया गया।  

इस संबंध में मुख्य अग्निशमन अधिकारी आनंद सिंह राजपूत ने बताया कि किसी होटल गेस्ट हाउस को लाइसेंस लेना होता है, तो सबसे पहले वह जिला प्रशासन को अप्लाई करते हैं। उसके बाद वहां से वह पेपर हम लोगों के पास आता है।  हमारे पास लगभग 250 होटल की लिस्ट है। जिन्होंने हमसे NOC लिया है। अवैध होटलों के खिलाफ हम शहर में अभियान चलाएंगे। जो मंदिर के आसपास के खुल गए हैं। विश्वनाथ मंदिर के आस पास के होटलों को हम आईडेंटिफाई करके चेक कर रहे हैं। जिनके पास होटल चलाने के लिए लाइसेंस नहीं है, उनको सील किया जाएगा।

वाराणसी के पर्यटन अधिकारी आर के रावत ने बताया कि पूरे विश्व में बड़ी संख्या में टूरिस्ट यहां आते हैं। वहीं टूरिस्ट को सुविधा के नाम पर सिर्फ लूटा जाता है। किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए इन होटल और गेस्ट हाउसों में फायर युनिट सहित बचाव के जरुरी उपकरण नाम मात्र के होते हैं। वहीं पर्यटक अपनी सुविधा और जानमाल की रक्षा के लिए अधिकत्तर धर्मशाला का ही रुख करते है। पर्यटन अधिकारी ने कहा कि यदि इन होटलों और पेईंग गेस्ट हाउसों में अगर मानक सुरक्षा के लिहाज से उपकरण नही मिलते हैं तो उन पर सीज की कार्रवाई की जायेगी।