बनारस से हरिद्वार, उज्जैन व मैहर जाएंगी रोडवेज बसें, यात्रियों को कराएंगी धार्मिक यात्रा 

देश की धार्मिक व सांस्कृतिक राजधानी काशी से देश के अन्य धार्मिक स्थलों तक सफर अब और आसान होगा। उत्तर प्रदेश सड़क परिवहन निगम की ओर से हरिद्वार, उज्जैन, मैहर व अजमेर के लिए रोडवेज की बसें चलाने की योजना बनाई जा रही है। बसें यात्रियों को बनारस से लेकर सीधे उक्त धार्मिक स्थल पर पहुंचेंगी। इससे धार्मिक यात्रा करने वाले यात्रियों को काफी सहूलियत होगी। निगम इसकी रूपरेखा तैयार करने में जुटा हुआ है। 
 

वाराणसी। देश की धार्मिक व सांस्कृतिक राजधानी काशी से देश के अन्य धार्मिक स्थलों तक सफर अब और आसान होगा। उत्तर प्रदेश सड़क परिवहन निगम की ओर से हरिद्वार, उज्जैन, मैहर व अजमेर के लिए रोडवेज की बसें चलाने की योजना बनाई जा रही है। बसें यात्रियों को बनारस से लेकर सीधे उक्त धार्मिक स्थल पर पहुंचेंगी। इससे धार्मिक यात्रा करने वाले यात्रियों को काफी सहूलियत होगी। निगम इसकी रूपरेखा तैयार करने में जुटा हुआ है। 

 उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम वाराणसी परिक्षेत्र के अधिकारियों के मुताबिक उत्तर प्रदेश की सीमा से सटे धार्मिक स्थलों और राज्यों के मुख्यालय को जोड़ने पर जोर है, ताकि लोग धार्मिक, पर्यटन स्थलों की यात्रा कर सकें। धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा और यात्रियों की सुविधाओं में बढ़ोतरी को लेकर उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम ने उत्तर प्रदेश के बाहर भी बस संचालन की रूपरेखा बनाई है। वाराणसी परिक्षेत्र से हरिद्वार, अजमेर, मैहर और उज्जैन तक बस संचालन का खाका खींचा जा रहा है। निजी ट्रैवल्स कंपनियों का भी सहारा लिया जा सकता है। 

सस्ता होगा सफर 
रोडवेज अधिकारियों ने बताया कि अन्य बसों के मुकाबले रोडवेज से धार्मिक यात्रा करने वाले यात्रियों से कम किराया लिया जाएगा। ताकि अधिक से अधिक यात्री परिवहन निगम की ओर आकर्षित हो सकें।  निजी ट्रैवल्स कंपनियां इतनी दूरी की यात्रा का ही हजारों रुपये का पैकेज वसूलती हैं, लेकिन रोडवेज यात्रियों को सस्ता सफर कराएगा। 

नेपाल पशुपतिनाथ तक जाती है एसी बस

वाराणसी परिक्षेत्र के क्षेत्रीय प्रबंधक गौरव वर्मा ने बताया कि वाराणसी परिक्षेत्र से नेपाल के पशुपतिनाथ तक एसी बस जाती है। नेपाल सरकार की ओर से 42 सीटर की एक एसी बस कैंट रोडवेज स्टेशन से खुलती है। इसके अलावा विंध्याचल, वृंदावन, आगरा, कानपुर, गोरखपुर के लिए भी बसें जाती हैं। उत्तराखंड, राजस्थान, एमपी तक बस संचालन की तैयारी चल रही है। परमिट को लेकर मुख्यालय स्तर से प्रक्रिया चल रही है।