भारत में सनातनी शिक्षा की पुनरावृत्ति, काशी में 100 एकड़ में स्थापित होगा नया विश्वविद्यालय, इसी वर्ष रखी जाएगी नींव
मंगलवार को पत्रकारों से बातचीत करते हुए सदगुरु रितेश्वर महाराज ने कहा कि आज भारत में एक सनातनी विद्यालय की आवश्यकता है, जिससे सनातनी शिक्षा पद्धति को पुनर्जीवित किया जा सके और विश्वभर में भारत का मान बढ़ सके। उन्होंने बताया कि काशी में 100 एकड़ क्षेत्र में सनातनी विश्वविद्यालय की नींव रखी जा रही है, और 2025 में इसके शिलान्यास की योजना है।
रितेश्वर महाराज ने आगे कहा कि भारत आज गंभीर आंतरिक और बाहरी संकटों का सामना कर रहा है। विकास के नाम पर प्रकृति को नुकसान पहुँचाया जा रहा है, जिससे प्रदूषण इस हद तक बढ़ गया है कि दिल्ली में ऑक्सीजन कैफे खोलने की जरूरत पड़ रही है। देश में हिंसा, बलात्कार, और सांप्रदायिक तनाव बढ़ रहा है। बांग्लादेश में हमारे बच्चों के साथ क्या हुआ, वह सभी को पता है।
इन समस्याओं का समाधान उचित शिक्षा में निहित है। काशी क्षेत्र में बाबा विश्वनाथ की कृपा से स्थापित होने वाला सनातन विश्वविद्यालय एक शैक्षणिक संस्थान के साथ-साथ एक ऐसा केंद्र होगा जहां प्राचीन सनातन संस्कृति के मूल्यों को आधुनिक विज्ञान के साथ मिलाकर शिक्षा प्रदान की जाएगी।
रितेश्वर महाराज ने समस्त सनातनी समाज से अपील की है कि वे इस महत्वपूर्ण कार्य में दैहिक, मानसिक, आध्यात्मिक, और भौतिक रूप से योगदान दें। हमारे बच्चों को पश्चिमी संस्कृति की बजाय अपनी गौरवपूर्ण सनातन संस्कृति की शिक्षा प्राप्त करनी चाहिए। यह विश्वविद्यालय किडज़ी से लेकर उच्च शिक्षा तक की सुविधाएं प्रदान करेगा और प्रत्येक विद्यार्थी को सनातन संस्कृति के सोलह संस्कारों का ज्ञान देगा।
यह परियोजना केवल एक शिक्षा केंद्र स्थापित करने का प्रयास नहीं है, बल्कि एक जीवंत धारा का निर्माण करने का प्रयास है जो भारतीय संस्कृति की अमूल्य धरोहर को विश्व के सामने लाएगी। यह एक ऐसा मंच होगा जहां आध्यात्मिकता, योग, आयुर्वेद, आधुनिक विज्ञान, और वैदिक ज्ञान के माध्यम से जीवन जीने की कला सिखाई जाएगी। इस विश्वविद्यालय का उद्देश्य मानवता के उत्थान और जागरण का संदेश फैलाना है और यह न केवल भारत बल्कि विश्व भर के लिए मार्गदर्शक होगा।