नगर निगम की दुकानों का किराया डीएम सर्किल रेट पर तय, वसूला जाएगा विलंब शुल्क
वाराणसी। नगर निगम की दुकानों का किराया डीएम सर्किल रेट के अनुसार निर्धारित किया जाएगा। इसके साथ ही, वरासतन (उत्तराधिकार) और सिकमी (द्वितीयक किराएदार) किराएदारों के शुल्क बाजार दर के आधार पर तय किए गए हैं। नगर निगम ने इस नीति को लागू करने की स्वीकृति कार्यकारिणी से प्राप्त कर ली है। अब सभी किराएदारों को इसके अनुसार भुगतान करना होगा।
किराया वसूली और बढ़ोतरी की नई व्यवस्था
नगर निगम के अनुसार, किराएदार को संबंधित दुकान पर वास्तविक कब्जा होना आवश्यक होगा। सभी प्रकार के नामांतरण के मामलों में किराए की दर से 11 माह का किराया जमानत के रूप में जमा करना अनिवार्य होगा, जो न तो वापस किया जाएगा और न ही समायोजित किया जाएगा। इसके अलावा, हर वर्ष किराए में 7% की वृद्धि की जाएगी। किराएदारी अधिनियम के तहत किराया बाजार दर के अनुसार लिया जाएगा।
किराया भुगतान में देरी पर विलंब शुल्क
किराया हर महीने की 7 तारीख तक जमा करना आवश्यक होगा। यदि 8 तारीख से महीने के अंत तक किराया जमा किया जाता है, तो 10% विलंब शुल्क देना होगा। दो माह तक किराया जमा न करने पर 15% अतिरिक्त विलंब शुल्क लिया जाएगा। यदि तीन माह तक किराया जमा नहीं किया गया, तो किराएदारी स्वतः समाप्त हो जाएगी।
अनुबंध और किराएदारी के नियम
किराएदारी का औपचारिक अनुबंध किया जाएगा, और स्टांप पेपर का खर्च किराएदार को स्वयं उठाना होगा। किराएदार बिना नगर निगम की अनुमति के दुकान किसी अन्य व्यक्ति को किराए पर नहीं दे सकता। किसी भी प्रकार के निर्माण कार्य, तोड़फोड़ या बदलाव के लिए नगर आयुक्त की अनुमति अनिवार्य होगी। यदि किराएदार ने बिना अनुमति निर्माण कार्य किया, तो अनुबंध की शर्तों का उल्लंघन माना जाएगा, और नगर निगम बिना किसी पूर्व सूचना के दुकान को अपने कब्जे में लेकर किसी अन्य को आवंटित कर देगा। किराएदार को दुकान में बिजली और पानी के कनेक्शन का शुल्क स्वयं देना होगा। नगर निगम इन सेवाओं के लिए कोई अतिरिक्त सुविधा प्रदान नहीं करेगा।
ये हैं किराया दरें
क्षेत्रफल (वर्गफुट में) सिकमी शुल्क (रुपये) वरासतन शुल्क (रुपये)
1-100 वर्गफुट 40,000 20,000
101-200 वर्गफुट 60,000 30,000
201-300 वर्गफुट 80,000 40,000
301-400 वर्गफुट 1,00,000 50,000
401-500 वर्गफुट 1,25,000 75,000