Ramotsav 2024 : साड़ी पर उकेरा राम जन्म से राजगद्दी तक का प्रसंग, गाजे-बाजे के साथ अयोध्या पहुंचकर प्रभु के चरणों में करेंगे अर्पित
वाराणसी। अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का उल्लास व उमंग काशी में दिख रहा है। काशी से तरह-तरह के वस्त्र, आभूषण व पूजा सामग्री अयोध्या भेजी जा रही है। वाराणसी के कारीगरों की ओर से तैयार साड़ी भी प्रभु के चरणों में अर्पित की जाएगी। साड़ी की खासियत यह है कि इस पर 1800 ब्लाक में राम जन्म से लेकर राजगद्दी तक के प्रसंगों को चित्र के माध्यम से उकेरा गया है। काशीवासी गाजे-बाजे के साथ साड़ी लेकर अयोध्या पहुंचेंगे और रामलला को अर्पित करेंगे।
साड़ी को कचौड़ी गली निवासी भाव सिंह के परिवार ने बनाया है। उन्होंने बताया कि तीन माह में यह साड़ी बनकर तैयार हुई है। प्रभु की कृपा की बदौलत यह अद्भुत साड़ी तैयार हो पायी। इस पर बाल कांड से उत्तर कांड तक भगवान राम की सारी लीलाओं का वर्णन चित्रों के माध्यम से किया गया है। कहा कि 22 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के दिन साड़ी पहुंचाना तो मुश्किल है, लेकिन उसके बाद जब भी संयोग बनेगा, जरूर अयोध्या जाएंगे और प्रभु के चरणों में इसे अर्पित करेंगे।
उन्होंने कहा कि साड़ी बनाने के पीछे मात्र यही उद्देश्य था कि प्रभु के चरणों में कुछ न कुछ अर्पित किया जाए। भोलेनाथ की नगरी से राम की नगरी में कुछ जाए, इसी उद्देश्य से इस साड़ी को तैयार किया। बताया कि यह साड़ी गंगा-जमुनी तहजीब की मिशाल है। मुस्लिम कारीगरों ने इसका पोर्ट तैयार किया। इसके बाद इस पर प्रिटिंग हुई। दशहरा के समय से ही साड़ी बनाने का काम शुरू कर दिया गया था।