Ramotsav 2024: काशी में बने सहस्र पात्र से होगा रामलला का अभिषेक, पात्रों को अंतिम रूप देने जी जान से जुटा कसेरा परिवार

 

वाराणसी। भगवान राम की नगरी अयोध्या में रामलला के प्राण प्रतिष्ठा भव्य मंदिर में 22 जनवरी को है। ऐसे में रामलला के लिए काशी ने भी अपनी भूमिका बनानी शुरू कर दी है। भव्य मंदिर में यजमान के रूप में काशी के सांसद व देश के प्रधानमंत्री रामलला की प्राण प्रतिष्ठा करेंगे। 

वहीं प्राण प्रतिष्ठा के मुहूर्त का समय काशी के ज्योतिषाचार्य गणेश्वर शास्त्री ने निकाला है। यही नही अनुष्ठान कराने वाले ब्राह्मण और आचार्य भी काशी से हैं तो यज्ञ कुण्ड की पूजन सामग्री भी काशी से ही अयोध्या भेजी जा रही है। अब इसमें काशी के योगदानों की एक और कड़ी जुड़ने जा रही है।  

22 जनवरी को जब रामलला गर्भगृह में विराजमान हो जाएंगे तो उसके बाद प्रभु श्रीराम का अभिषेक सहस्त्र कलश से किया जाएगा। यही नहीं इस ऐतिहासिक अनुष्ठान में मौजूद 121 ब्राह्मण जिन पात्रों व श्रृंगी में जल लेकर भगवान का आचमन करेंगे, वह सब बनारस की तंग गलियों में बन कर तैयार हो रहा है। इसके लिए बनारस का कसेरा परिवार जी जान से अपनी टीम के साथ लगा हुआ है। 

काशी का कसेरा परिवार बर्तनों को आकृति देने में माहिर

वाराणसी के काशीपुरा निवासी लालू कसेरा अपने परिवार की पांचवी पीढ़ी हैं, जो तमाम धातुओं से मंदिर में इस्तेमाल होने वाले बर्तनों के साथ - साथ मंदिर के गर्भगृह में लगने वाले धातुओं के पत्तल पर अपनी शिल्पकारी का हुनर दिखाते हुए उसे भव्य रूप देते हैं। ऐसे में अब इन्हें इइस ऐतिहासिक आयोजन का गवाह बनने का मौका मिला है। तो वह भला क्यों पीछे हटने वाले हैं? 

20 दिसंबर को मिला था ऑर्डर

लालू कसेरा ने बताया कि बीते 20 दिसम्बर को उन्हें ऑर्डर मिला कि उन्हें अयोध्या में रामजन्मभूमि पर रामलला के मन्दिर में अनुष्ठान के लिए 125 कमण्डल आचमनी पात्र और एक  कटोरे जैसा पात्र बनाना है। इसके साथ ही एक अभिषेक कलश भी बना कर तैयार करनी है, जिसमे सहस्त्र कलश कहते हैं। इस कलश में 1008 छिद्र होते हैं। इसी सहस्त्र कलश से प्राण प्रतिष्ठा के बाद श्री राम का अभिषेक किया जाएगा। 

इस आर्डर के बाद यह कसेरा परिवार 24X7 कड़ी मेहनत कर तैयारियों में जुट गया है। जर्मन सिल्वर से बने पात्र कुछ  तैयार हो चुके हैं, तो कुछ पर अभी काम चल रहा है। इसे तैयार कर आने वाले 10 जनवरी को अयोध्या भेज दिया जाएगा। बहरहाल काशी का यह कसेरा परिवार रामलला के प्राण प्रतिष्ठा के इस महाउत्सव में शामिल होकर अपने को गौरवान्वित महसूस कर रहा है।