काशी विश्वनाथ धाम में पहली बार रामलीला मंचन: महादेव के अंगनाई में होगा राम और रावण का युद्ध, अवधी और हिंदी में बोले जायेंगे संवाद
रंगमंच कला परिषद के रामलीला मंचन के संवाद अलग अलग भाषाओं के सात रामायण ग्रंथों से लिये गए है। अवधी और हिंदी भाषा में सभी संवाद पद्य एवं गद्य शैली में बोले जाते है। संवादों में चौपाई, सोरठा, छंद, कवित्त और सवैया का प्रयोग किया जाता है। अपने जीवंत अभिनय और भव्य मंचन, दिव्य संयोजन के लिए पूरे पूर्वांचल में ख्यातिप्राप्त रंगमंच कला परिषद सिधौना की टीम मेकअप के तौर पर पूर्ण रूप से पारंपरिक एवं पौराणिक स्वरूप में किया जाता है।
इस परिषद के सभी कलाकार एवं सहयोगी सदस्य निःस्वार्थ एवं निःशुल्क रूप से लीला में सहयोग करते है। काशी रंगमंच कला परिषद सिधौना के अध्यक्ष कृष्णानंद सिंह ने बताया कि काशी विश्वनाथ धाम के प्रांगण में लीला मंचन करना सौभाग्य की बात है। कला परिषद की टीम देश के कई शहरों में रामचरित मानस का मंचन व संयुक्त परिवार की अवधारणा संग मानवीय मूल्यों का प्रचार-प्रसार करती है। इस लीला मंचन में उत्तर प्रदेश के कई राज्यमंत्री एवं प्रशासनिक अधिकारी मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद रहेंगे।
काशी विश्वनाथ धाम परिसर में पहली बार रावण का अट्टहास सुनने और प्रभु श्रीराम को पिनाक पर प्रत्यंचा चढ़ाने को देखने के लिए काशी क्षेत्र के संत समाज एवं लीलाप्रेमी उत्सुक एवं लालायित है। उत्तरप्रदेश सरकार के खाद्य सुरक्षा, औषधीय प्रशासन एवं आयुष राज्यमंत्री डॉ दयाशंकर मिश्रा के संरक्षण में यह लीला टीम लीला मंचन करती है।