काशी को ‘मिनी बंगाल’ बनाने की तैयारी जोरों पर, भव्य पंडाल और अनोखी थीम से सजेगा शहर, मूर्तियों की सुंदरता निखारने में जुटे कारीगर

 

वाराणसी। महादेव की नगरी काशी में दुर्गा पूजा की तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं। कोलकाता के बाद वाराणसी की दुर्गा पूजा को भी विशेष महत्व प्राप्त है, और हर साल यह शहर भव्य पंडालों और दुर्गा मां की प्रतिमाओं से सजता है। इस वर्ष भी शहर भर में विभिन्न स्थानों पर थीम आधारित पंडालों का निर्माण किया जा रहा है, जहां पूजा समितियां अपने-अपने पंडालों को अलग और अनोखे तरीके से सजा रही हैं।

शिल्पकार और मूर्तिकार देवी दुर्गा की मूर्तियों को आकार देने में जुटे हैं, जबकि पूजा पंडालों को सजाने की तैयारियां तेजी से हो रही हैं। नवरात्रि और दशहरे के इस महोत्सव के दौरान काशी को एक बार फिर मिनी बंगाल के रूप में सजाने की कोशिशें शुरू हो गई हैं। 

इस वर्ष का मुख्य आकर्षण, हमेशा की तरह, हथुआ मार्केट का पंडाल रहेगा। यहां का पंडाल और मां दुर्गा की प्रतिमा हर साल की तरह इस बार भी काशी के साथ-साथ पूरे प्रदेश के लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र बनेगी। इस बार हथुआ मार्केट में स्वर्वेद मंदिर जैसा पंडाल बनाया जा रहा है, जो अनोखी संरचना और भव्यता का प्रदर्शन करेगा।

इसके अलावा, कतुआपुरा में इस बार उज्जैन स्थित महाकालेश्वर मंदिर जैसा पंडाल तैयार किया जा रहा है, जो भक्तों के लिए एक विशेष धार्मिक अनुभव प्रस्तुत करेगा। वहीं, जैतपुरा स्थित बागेश्वरी देवी मंदिर प्रांगण में इस वर्ष आदियोगी की प्रतिमा जैसा पंडाल तैयार किया जा रहा है, जो आधुनिक और पारंपरिक कला का मिलाजुला उदाहरण होगा।

शहर के अन्य हिस्सों में भी पंडालों को अलग-अलग थीम पर सजाया जा रहा है। इस बार की दुर्गा पूजा में शहर के कई प्रमुख स्थानों पर थीम आधारित पंडाल तैयार किए जा रहे हैं, जिनमें आधुनिकता और परंपरा का संगम देखने को मिलेगा। 

पूरे वाराणसी में दुर्गा पूजा की भव्यता इस साल एक विशेष रंग में रंगने वाली है। कोलकाता के बाद काशी की दुर्गा पूजा की ख्याति भी दुनियाभर में प्रसिद्ध है, और इस बार भी यह उत्सव भक्तों के लिए श्रद्धा और उत्सव का अद्भुत संगम लेकर आ रहा है।