पुलिस भर्ती परीक्षा: टेलीग्राम ग्रुप बनाकर ठगी करने वाला शातिर वाराणसी में गिरफ्तार, अभ्यर्थियों से 500 व 1000 रुपए में होती थी डील
वाराणसी। यूपी पुलिस की परीक्षा के दौरान एसटीएफ ने एक शातिर ठग को गिरफ्तार किया है। आरोपी सोशल मीडिया प्लेटफार्म टेलीग्राम पर ग्रुप बनाकर अभ्यर्थियों से 500 से 1000 रुपए लेता था। एसटीएफ को इसकी शिकायत कई दिनों से मिल रही थी। गहनता से जांच के बाद एसटीएफ ने वाराणसी से युवक को गिरफ्तार किया।
आरोपी हंस रंजन कुमार बिहार के खगड़िया जिले के परवत्ता थाना अंतर्गत मुजाहिदपुर का रहने वाला है। उसके पास से एसटीएफ ने एक मोबाइल फोन, दो डेबिट कार्ड, एक ड्राइविंग लाइसेंस और एक पासपोर्ट बरामद हुआ है। उसे आगे की कार्रवाई के लिए कैंट थाने की पुलिस को सौंप दिया गया है।
एसटीएफ की वाराणसी इकाई के एडिशनल एसपी विनोद कुमार सिंह ने बताया कि इस मामले की एक शिकायत मिली थी। जिसके मुताबिक, व्हाट्स एप व टेलीग्राम ग्रुप बनाकर उसमें जोड़े जाने के नाम पर सिपाही भर्ती की महिला अभ्यर्थियों से 500 रुपये व पुरुष अभ्यर्थियों से 1000 रुपये ऑनलाइन लिया जा रहा है। इसके बाद पुलिस ने अपनी जांच पड़ताल शुरू की। इसकी जांच इंस्पेक्टर पुनीत परिहार को सौंपी गई थी। एसटीएफ ने जब इसकी जानकारी इकठ्ठा की तो पता चला कि ग्रुप से जुड़े अभ्यर्थियों को परीक्षा से पहले ही प्रश्न पत्र देने का दावा किया जा रहा है। व्हाट्स एप और टेलीग्राम ग्रुप के एडमिन ने अपना नाम इंस्पेक्टर हंसराज ग्रुप लिख रखा था।
एसटीएफ के अधिकारियों ने ग्रुप एडमिन के बारे में सर्विलांस के जरिए जानकारी इकठ्ठा की। जिसमें सामने आया कि हंस रंजन कुमार सिपाही भर्ती परीक्षा के नाम पर ठगी कर रहा है और वाराणसी में अभ्यर्थियों से भी मिल रहा है। इसी बीच शनिवार को कैंट थाना अंतर्गत छावनी क्षेत्र से STF ने उसे गिरफ्तार कर लिया।
STF के एडिशनल एसपी विनोद कुमार सिंह ने बताया कि जो मोबाइल नंबर हंस रंजन उपयोग कर रहा था वह उसके भाई मनीष कुमार के नाम पर है। उस मोबाइल नंबर से जनरेट यूपीआई आईडी हंस रंजन के नाम से है। फोन-पे का खाता परवत्ता स्थित यूनियन बैंक ऑफ इंडिया की शाखा में हंस रंजन के नाम है।
पूछताछ में हंस रंजन ने बताया कि लगभग आठ माह पहले वह विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए 80 व्हाट्स एप व टेलीग्राम ग्रुप बनाया था। अपने ग्रुप्स से वह 35 हजार लोगों को जोड़ चुका है। आठ माह में वह 20 लाख रुपये कमा चुका है। इस समय उसके खाते में लगभग चार लाख रुपये हैं। वह पता करता था कि कौन सी प्रतियोगी परीक्षा कब और कहां होनी है।
इसके बाद वह अपने ग्रुप्स पर मैसेज करता था कि प्रश्न पत्र जिसको चाहिए, वह अभ्यर्थी उसके यूपीआई या क्यूआर कोड को स्कैन कर निर्धारित पैसा (पुरुष 1000 रुपये व महिला 500 रुपये) भेजकर जुड़ सकता है। जो अभ्यर्थी उसके ग्रुप का सदस्य रहेगा, उसे परीक्षा से एक दिन पहले प्रश्न पत्र मिल जाएगा। कई अभ्यर्थी उसके झांसे में आकर पैसा भेज कर उसके ग्रुप का सदस्य बन जाते थे।
प्रश्न पत्र न मिलने पर जब अभ्यर्थी अपना पैसा वापस मांगते थे तो वह टालमटोल करने लगता था। छोटी सी रकम होने के कारण लोग बार-बार कॉल भी नहीं करते थे। उसे पता लगा कि यूपी में सिपाही भर्ती की अगस्त 2024 में परीक्षा होनी है। इस पर वह ठगी के लिए फिर सक्रिय हुआ और वही पुराना तरीका अपनाया। इसी बीच शनिवार को वाराणसी आने पर उसे दबोच लिया गया।