पुलिस ने कोर्ट में नहीं दाखिल की चार्जशीट, लूट कांड के आरोपित दरोगा को गैंगस्टर एक्ट में मिली जमानत, बहाली की कोशिश में जुटा
वाराणसी। वर्दी की आड़ में फर्जी क्राइम ब्रांच बनकर सराफा कारोबारी के कर्मचारियों से 42.50 लाख रुपये की लूट की घटना को अंजाम देने वाले दरोगा सूर्यप्रकाश पांडेय को गैंगस्टर एक्ट में जमानत मिल गई है। वह पुलिस लाइन में आमद करा चुका है और अपनी बहाली की कोशिश में लग गया है। ऐसा माना जा रहा कि पुलिस की लचर पैरवी और कोर्ट में चार्जशीट दाखिल न होने की वजह से दरोगा को जमानत मिल गई। ऐसे में पुलिस की कार्यप्रणाली एक बार फिर सवालों के घेरे में है।
पिछले साल हाईवे पर एक सराफा कारोबारी के कर्मचारियों को निशाना बनाते हुए दरोगा सूर्य प्रकाश और उसके साथियों ने ‘नकली क्राइम ब्रांच’ बनकर 42.50 लाख रुपये लूट लिए थे। हवाला का पैसा होने की बात कहकर कर्मचारियों से पैसे लेकर दरोगा और उसके साथी फरार हो गए थे। शुरू में यह घटना एक आम अपराध की तरह लगी, लेकिन जब जांच गहराई से हुई तो चौकाने वाले तथ्य सामने आए। अपराधी कोई साधारण लुटेरा नहीं, बल्कि एक दरोगा निकला।
पुलिस ने सूर्य प्रकाश को गिरफ्तार किया। हालांकि पुलिस की कार्यप्रणाली शुरू से ही सवालों के घेरे में रही। अदालत में पेशी के दौरान आरोपित दरोगा और उसके साथी हंसते-मुस्कुराते नजर आए, मानो उन्हें कानून का कोई डर ही न हो। निचली अदालत ने शुरुआत में उसकी जमानत याचिका खारिज कर दी थी, लेकिन उच्च न्यायालय से उसे राहत मिल गई। गैंगस्टर एक्ट के तहत भी कार्रवाई की गई, मगर समय पर चार्जशीट दाखिल न होने और कमजोर पैरवी के चलते वहां भी दरोगा को जमानत मिल गई।
सूर्यप्रकाश पांडे जेल से बाहर आकर फिर से पुलिस लाइन में हाजिरी दे रहा है और बहाली के लिए प्रयासरत है। इस पूरे प्रकरण ने पुलिस की कार्यशैली को कठघरे में खड़ा कर दिया है। जमानत मिलने के बाद रामनगर थाना प्रभारी और संबंधित एसीपी को हटाया जरूर गया, लेकिन असली दोषियों तक आज भी कार्रवाई नहीं पहुंच पाई है। कमजोर कानूनी लड़ाई के कारण यह गंभीर मामला भी ठंडे बस्ते में जाता दिख रहा है।