बनारस समेत पूर्वांचल में बढ़ेगा दूध का उत्पादन, करखियांव में बनारस काशी संकुल का पीएम करेंगे लोकार्पण
वाराणसी। यूपी में और विशेषकर पूर्वांचल में आगामी वर्ष के अंत तक दूध संग्रहण में बढ़ोतरी की संभावना है। वर्तमान में सूबे का 19 लाख ली. प्रतिदिन का दूध संग्रहण मार्च 2025 तक बढ़कर 25 लाख ली. कर दिये जाने का दावा है। होने वाली उस वृद्धि में से हर रोज नौ लाख ली. दूध सिर्फ वाराणसी और पूर्वांचल को मिलेगा।
बनास डेयरी के चेयरमैन शंकर भाई के नेतृत्व में पूर्वांचल में दूध कारोबार को मूर्त रूप देने की कवायद जारी है। उनका दावा है कि पूर्वांचल में श्वेतक्रांति का आगाज हो चुका है। करखियांव में स्थापित बनारस काशी संकुल दुग्ध व्यवसाय में सहकारिता का नया अध्याय जोड़ेगा। आगामी 23 फरवरी पीएम नरेंद्र मोदी इसका लोकार्पण करेंगे। बीते दो साल से यह संस्थान पूर्वांचल में पशुपालन एवं डेयरी उद्योग की वैज्ञानिक पद्धति का प्रशिक्षण किसानों व पशुपालकों को दे रहा है। उम्मीद है कि सहकारिता का यह नया मॉडल पूर्वांचल के किसानों की समृद्धि बढ़ाएगा।
वर्तमान में उत्तर प्रदेश में बनास डेयरी का दूध कारोबार 48 जिलों के करीब 4600 गांवों में फैला हुआ है। उनमें र्पूांचल के सात जनपद शामिल हैं। कवायद हो रही है कि 2025 तक राज्य के 70 जिलों के 7000 गांवों तक दूध की आवक बढ़ायी जाय। उनमें पूर्वांचल के और 15 जनपद सम्मिलित होंगे। इसके लिए पूर्वांचल में 100 से ज्यादा बनायी गयी दूध समितियों में से 600 से अधिक समितियां कार्यरत हैं।
वर्तमान वर्ष के अंत तक दूध समितियों की संख्या बढ़ाकर 2600 करने का लक्ष्य है। बनास डेयरी फिलहाल प्रदेश के 3.50 लाख दूध उत्पादकों संग काम कर रही है। उनमें से करीब 40 हजार पूर्वांचल और 18 हजार दूध उत्पादक वाराणसी के हैं। संकुल की प्रयास है कि भविष्य में सूबे के दो लाख अतिरिक्त दुग्ध उत्पादक परिवारों को जोड़ेगी जिनमें से 30 हजार वाराणसी से और 70 हजार पूर्वांचल के जिलों के होंगे।
बनारस से प्रतिदिन मिल रहा 1.3 लाख ली० दूध
पूर्वांचल में अभी खुशीपुर, चोलापुर, मीरजापुर, गाजीपुर और दुबेपुर में बनारस संकुल के पांच चिलिंग सेंटर काम कर रहे हैं। आगामी मार्च तक आठ और चिलिंग सेंटर चालू करने की तैयारी है। यूपी में संचालित कुल 29 चिलिंग सेंटर की संख्या साल के अंत तक बढ़कर 50 करने का टार्गेट है। इस बुनियादी ढांचे के माध्यम से वर्तमान में उत्तर प्रदेश से प्रतिदिन 19 लाख लीटर से अधिक दूध एकत्र कर रहे हैं। उनमें वाराणसी से प्रतिदिन औसतन 1.3 लाख ली. और पूर्वांचल से करीब तीन लाख ली. प्राप्त हो रहा है।