सीवर जाम व अन्य समस्याओं से त्रस्त महिलाओं ने जलकल के जेई का किया घेराव, कहा – पीने के पानी के बजाय आ रहा सीवर का पानी

 
-    विकास का शिलापट्ट लग गया, लेकिन काम नहीं हुआ

-    जो कार्य हुआ भी, तो वह आधा अधूरा
-    महीनों से लोग सीवर और सड़क की समस्या से जूझ रहे
-    दक्षिणी विधानसभा के शिवाला वार्ड में समस्याओं का अंबार

वाराणसी। शहर में सीवर जाम व जलजमाव एक बड़ी समस्या हो गई है। एक ओर जहां काशी में हजारों करोड़ की परियोजनाओं के माध्यम से विकास की गंगा बहाई जा रही है। लेकिन काशी में जलजमाव विभागीय अधिकारियों द्वारा किए गये विकास कार्यों की पोल खोल रहा है। 

इसी क्रम में बुधवार को भेलूपुर क्षेत्र के जैन मंदिर के पास महिलाओं ने जलकल के जेई दीपक सिंह का घेराव लिया। स्थानीय नागरिकों का आरोप है कि वह लोग कई माह से पानी सीवर और सड़क मार्ग की दुर्दशा से जूझ रहे हैं। विभागीय अधिकारियों से कई बार शिकायत के बावजूद उनकी समस्याओं का संज्ञान नहीं लिया गया। इस लेकर वहां की जनता में काफी आक्रोश है। 

स्थानीय नागरिकों ने बताया कि सड़क मार्ग को कई माह से खोद कर सिर्फ मिट्टी डालकर पाट दिया गया है। वहां पर लगे पत्थरों के चौकों को भी हटा दिया गया है। जिससे मार्ग काफी खराब हो गया है और इस समय बरसात में जब थोड़ा सा भी पानी पड़ जाता है तो चलना काफी कठिन कार्य हो जाता है। बताया कि यहां पर मेयर अशोक तिवारी द्वारा विकास कार्य का शिलान्यास किया गया, जिसका शिलापट्ट भी लगा दिया गया है। यह कार्य होली तक पूर्ण करना था, परंतु होली बीते कई माह हो गए, अभी तक कार्य पूर्ण नहीं हो सका। 

बताया जा रहा है कि जलकल विभाग द्वारा दक्षिणी विधानसभा के भेलूपुर वार्ड अन्तर्गत शिवाला वार्ड में जैन तीर्थ क्षेत्र बी.3/80 से हनुमान मन्दिर, शिवाला तक सीवर लाइन बदलने का कार्य (कार्य की लम्बाई- 150 मी०) 12 लाख रुपए स्वीकृत किया गया था। कार्य का लोकार्पण फरवरी 2024 में किया गया था। 

स्थानीय नागरिकों ने बताया कि पिछले कई माह से यहां पर सीवर लाइन और जल पाइप लाइन डालने का कार्य चल रहा है। परंतु कई माह बीत जाने के बाद भी अभी तक कार्य को पूर्ण नहीं किया गया। जो कार्य हुआ है, वह भी आधा अधूरा है। लोगों के घरों तक पानी नहीं पहुंच रहा है, पीने वाला पानी जिनके घरों तक पहुंच भी रहा है, तो उसमें सीवर का गंदा पानी पहुंच रहा है। जिसके कारण स्थानीय नागरिक और महिलाएं काफी आक्रोशित थे।