ज्ञानवापी अर्जेन्ट पूजा पाठ की वाद पर आदेश सुरक्षित, अगली सुनवाई पर कोर्ट सुना सकता है फैसला

 
वाराणसी। सिविल जज (सीनियर डिविजन) हितेश अग्रवाल की कोर्ट में गुरुवार को ज्ञानवापी में अर्जेंट पूजा-पाठ और राग-भोग सहित अन्य मांग वाले वाद में एक अर्जी पर अभी आदेश सुरक्षित है। गुरुवार को आदेश आना था। मगर देर शाम तक आदेश नही आया है। पिछली तिथि पर अंजुमन इंतजमिया मसाजिद कमेटी की ओर से एक अर्जी दी गई की जो वाद दाखिल की गई है उसमे कई तरह के त्रुटी है उसके सही करने के आदेश देने की गुहार लगाई गई है। जिसपर बहस पूरी हो गई थी। 

शैलेंद्र योगी राज की ओर से पिछले साल  कोर्ट में एक अर्जेंट वाद दाखिल कर गुहार लगाई गई कि जबतक मुकदमे की निस्तारित नही होता तब तक पूजा पाठ और राग भोग करने की अनुमति दी जाए। जिस पर सुनवाई कोर्ट में लंबित है। पिछले दिनों मुस्लिम पक्ष की ओर से वाद पोषणीय योग्य नहीं  बताते हुए खारिज करने को गुहार लगाई थी। जिसे कोर्ट ने सुनवाई के बाद खारिज कर दिया था। पिछले तिथि पर  अंजुमन की ओर से मो अखलाक अहमद ने एक अर्जी दी। 

अर्जी में कहा गया कि इस वाद में वादमित्र नही कोर्ट से नियुक्त हुए नही इसके संबंध कोई शपथ पत्र दी गई है। दूसरा कि वादी की ओर से अंजुमन इंतजमिया कमेटी को पार्टी बनाया है। उक्त कमेटी के अध्यक्ष और सेकेर्टी होते उनको पार्टी बनाना चाहिए मगर इस वाद में कई त्रुटी या है उसे पहले सही करने के आदेश देने की गुहार लगाई गई है। इस पर वादी के ओर से अधिवक्ता एसके द्विव्रेदी ने विरोध किया गया। कहा गया कि एक साल से अधिक समय मुकदमे को सुनवाई हो रही है। 

अंजुमन की ओर से अब बताया जा रहा कि कमेटी के अध्यक्ष और सेक्रेटरी को पक्षकार बनाया जाना चाहिए। इसके पूर्व में कोई मुकदमे इस तरह के अर्जी नही दी गई। सिर्फ अंजुमन की ओर से इस मुकदमे के लंबित करने के लिए ये अर्जी दी गई है। वादी को  अब अंजुमन की वायलाज के बारे में बताया जा रहा । वादी को ओर से मुकदमे के संबंध में सारी प्रक्रिया पूरी की है यहां तक कई शपथ पत्र दी गई है। अंजुमन को इसकी प्रति भी उपलब्ध कराई गई है। अंजुमन इंताजीमिया की ओर से इस मुकदमे को सुनवाई लंबित करना चाहता है। इस लिए इंतजामिया कमेटी की  अर्जी खारिज करने की गुहार लगाई गई।