मूसलाधार बारिश में मालवीय पुल की एक साइड की बह गई पटरी, G-20 में लगी लाइट भी हुई बंद, रात के समय में बढ़ गई अनहोनी की आशंका

 
वाराणसी। एक ओर जहां मंगलवार देर रात से बुधवार की सुबह तक हुई बारिश से शहर के कई सड़कों पर जलजमाव हो गया। वहीं, मूसलाधार बारिश में मालवीय पुल परसड़क की पटरी धंस गई। 

पड़ाव से राजघाट की ओर जाते समय सुजाबाद/डोमरी के तरफ की पटरी मूसलाधार बारिश में धंस गई। जिसके कारण राहगीर काफी संभल कर आवागमन कर रहे हैं। प्रशासन के ओर से यहां बैरीकेडिंग भी नहीं की गई है, जिसे लेकर तमाम तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं। 

चंदौली से बनारस जाने वाले यात्री यदि संभल कर नहीं चलें तो दुर्घटना के शिकार हो सकते है। वर्तमान ने इस पुल से प्रतिदिन 50 हजार लोग आवागमन करते हैं। यह पुल वाराणसी, चंदौली, मिर्जापुर और साथ में बिहार को भी जोड़ता है। इस पुल की लम्बाई लगभग ढाई किलोमीटर है। 

फ़िलहाल मालवीय पुल समय के हिसाब से जर्जर हो चुका है। वह अपनी मियाद पहले ही पूरी कर चुका है। हालांकि प्रदेश सरकार के ओर से कुछ वर्ष पहले इसका कायाकल्प किया गया था। पिछले वर्ष G-20 कार्यक्रम के दौरान मालवीय पुल को अत्याधुनिक सोलर लाइट से जगमग किया गया था। जिससे प्रतिदिन आवागमन करने वाले यात्रियों को काफी राहत महसूस हो रही थी। लेकिन G-20 के बाद वह लाइट भी बंद हो गई है। प्रतिदिन आवगमन कर रहे यात्रियों का कहना है कि अब वह लाइट यदा कदा ही VIP मूवमेंट के दौरान ही जलती है। ऐसे में यदि मालवीय पुल पर कभी कोई दुर्घटना की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता।