नवरात्रि के चौथे दिन माता कुष्मांडा के दरबार में उमड़े भक्त, गूंज रही मां की जय-जयकार, भक्तों को सुख-समृद्धि प्रदान करती हैं देवी 

चैत्र नवरात्रि के चौथे दिन भक्तों ने मां कुष्मांडा की पूजा-अर्चना कर आशीर्वाद प्राप्त किया। इस बार विशेष संयोग के चलते मां स्कंद माता की भी पूजा का विधान है। इससे भक्तों में विशेष उत्साह देखने को मिला। मंदिर में भोर से ही श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ पड़ी। मां के दरबार में जय-जयकार गूंज रही है। भक्त माता का विधिविधान से दर्शन-पूजन कर सुख-समृद्धि की कामना कर रहे हैं। 
 

वाराणसी। चैत्र नवरात्रि के चौथे दिन भक्तों ने मां कुष्मांडा की पूजा-अर्चना कर आशीर्वाद प्राप्त किया। इस बार विशेष संयोग के चलते मां स्कंद माता की भी पूजा का विधान है। इससे भक्तों में विशेष उत्साह देखने को मिला। मंदिर में भोर से ही श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ पड़ी। मां के दरबार में जय-जयकार गूंज रही है। भक्त माता का विधिविधान से दर्शन-पूजन कर सुख-समृद्धि की कामना कर रहे हैं। 

 
बुधवार की भोर में मंगला आरती के बाद मंदिर के कपाट भक्तों के लिए खोल दिए गए, जिसके बाद श्रद्धालु लम्बी कतारों में दर्शन के लिए खड़े रहे। मंदिर परिसर और आसपास का वातावरण 'जय माता दी' और 'हर हर महादेव' के जयघोष से भक्तिमय हो गया। श्रद्धालु मां से परिवार की सुख-समृद्धि और देश में शांति व खुशहाली की प्रार्थना कर रहे हैं। भक्तजन नारियल, चुनरी और पुष्प अर्पित कर माँ को प्रसन्न करने में लगे हैं। वाराणसी के प्रसिद्ध मंदिरों में भक्ति की यह अनुपम छटा देखते ही बन रही है।

 

मंदिर के महंत गजेंद्र गोस्वामी ने बताया कि "चैत्र नवरात्रि का यह पावन समय श्रद्धा और भक्ति का प्रतीक है। इस बार मां कुष्मांडा के साथ मां स्कंद माता की भी पूजा का संयोग भक्तों के लिए अत्यंत शुभकारी है।

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