नागपंचमी पर पहलवानों ने कांटो वाली गदा और जोड़ी पर आजमाया हाथ, दिखाया दमखम
वाराणसी। परंपराओं की नगरी काशी में नाग पंचमी पर अखाड़ों की रौनक बढ़ गई। पहलवानों ने कुश्ती में दांव लगाने के साथ ही गदा-जोड़ी पर हाथ आजमाया। रविदास पार्क के पास स्थित सैकड़ों साल पुराने अखाड़े में नागपंचमी की परंपरा का बड़े उत्साह और श्रद्धा के साथ निर्वहन किया गया।
पहलवान सतीश यादव उर्फ झंटू ने बताया कि यह अखाड़ा उनके दादा और पिता द्वारा शुरू किया गया था और आज भी वह इस परंपरा को जीवंत बनाए हुए हैं। उन्होंने कहा कि “बनारस में अब बहुत कम जगहों पर कांटो वाली गदा फिराई जाती है, लेकिन हम इसे आज भी निभा रहे हैं और देशभर में प्रदर्शन कर चुके हैं।”
कार्यक्रम की शुरुआत बजरंगबली की विधिपूर्वक पूजा से हुई, जिसके बाद नगाड़ों की गूंज पर पहलवानों ने जोड़ी और गदा फेरी का प्रदर्शन किया। झंटू पहलवान ने प्रदर्शन करने वाले पहलवानों को साफा बांधकर और माला पहनाकर सम्मानित किया।
इस आयोजन में विदेशी पहलवानों की भागीदारी भी देखने को मिली, जिन्होंने देसी अखाड़े की परंपरा में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। दर्शकों की तालियों के बीच पहलवानों का उत्साह देखते ही बनता था। कार्यक्रम में आशुतोष सिंह, सत्यप्रकाश सोनकर, रविदास समेत सैकड़ों की संख्या में लोग मौजूद रहे।