अब निजी कंपनी लेगी ड्राइविंग का लर्निंग टेस्ट, तब बनेगा लाइसेंस

लाइसेंस बनवाने के लिए अच्छी तरह से ड्राइविंग जानना अब जरूरी हो गया है। नौसिखिये चालकों का लर्निंग ड्राइविंग लाइसेंस अब टेढ़ी खीर साबित होगा। आरटीओ के अधीन ड्राइविंग ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट को निजी हाथों में सौंपने की तैयारी चल रही है। टेस्टिंग ट्रैक पर सेंसर लगाए जा रहे हैं। वाहन टकराने पर अब आटोमेटिक सूचना निजी कंपनी को पहुंच जाएगी। ऐसे में अभ्यर्थियों के लाइसेंस आवेदन निरस्त कर दिए जाएंगे। 
 

- टेस्टिंग ट्रैक पर लगाए जाएंगे सेंसर, वाहन टकराया तो कंपनी को पहुंच जाएगी सूचना 
- टेस्टिंग में वाहन टकराने पर अभ्यर्थियों के लाइसेंस आवेदन हो जाएंगे निरस्त
- अगस्त-सितंबर से निजी कंपनी को सौंपी जा सकती है टेस्टिंग की कमान 


वाराणसी। लाइसेंस बनवाने के लिए अच्छी तरह से ड्राइविंग जानना अब जरूरी हो गया है। नौसिखिये चालकों का लर्निंग ड्राइविंग लाइसेंस अब टेढ़ी खीर साबित होगा। आरटीओ के अधीन ड्राइविंग ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट को निजी हाथों में सौंपने की तैयारी चल रही है। टेस्टिंग ट्रैक पर सेंसर लगाए जा रहे हैं। वाहन टकराने पर अब आटोमेटिक सूचना निजी कंपनी को पहुंच जाएगी। ऐसे में अभ्यर्थियों के लाइसेंस आवेदन निरस्त कर दिए जाएंगे। 

वर्तमान में करौंदी स्थित ड्राइविंग ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट में ड्राइविंग लाइसेंस बन रहा है। इंस्टीट्यूट से प्रशिक्षण प्रमाणपत्र लेने के बाद ही आरटीओ की ओर से लाइसेंस की अनुमति दी जाती है। निजी कंपनी के मानक अनुसार, टेस्टिंग ट्रैक पर सेंसर लगाए जा रहे हैं। सेंसर के जरिये टेस्टिंग में वाहन के टकराने पर ऑटोमेटिक सूचना कंपनी को मिलेगी। इस पर डीएल आवेदन निरस्त कर दिया जाएगा।

अभी तक बिचौलिए बिना टेस्ट ही डीएल बनवा देते हैं। परिवहन विभाग के अधिकारियों के अनुसार, अगस्त-सितंबर तक निजी कंपनी काम संभाल लेगी। अधिकारियों की मानें तो निजी कंपनी टेस्ट लेगी। कंपनी की अनुमति के आधार पर ही परिवहन विभाग डीएल को मंजूरी देगा।