नया डिजिटल पैन कार्ड: अब अपडेट करना होगा आसान और फ्री, QR कोड पर आधारित होगा नया पैन कार्ड

 
वाराणसी। केंद्र सरकार जल्द ही पैन कार्ड को डिजिटल प्लेटफॉर्म पर अपग्रेड करने जा रही है। इसमें क्यूआर कोड जैसी आधुनिक सुविधाएं जोड़ी जाएंगी, जो कार्डधारक की पूरी जानकारी को आसानी से एक्सेस करने की अनुमति देगा। सरकार का उद्देश्य फर्जी पैन कार्ड पर रोक लगाना और इसे अधिक सुरक्षित बनाना है।

पैन 2.0 परियोजना: क्या है खास?

नए पैन कार्ड का ई-वर्जन पूरी तरह फ्री होगा। अगर आपको फिजिकल कॉपी चाहिए, तो इसके लिए मात्र 50 रुपये खर्च करने होंगे। खास बात यह है कि नया पैन कार्ड बनवाने के लिए आपको फिर से आवेदन करने की जरूरत नहीं होगी।

आयकर विभाग द्वारा शुरू की गई पैन 2.0 परियोजना को एक क्रांतिकारी कदम बताया जा रहा है। यह डिजिटल समाधानों के माध्यम से पैन कार्ड प्राप्त करने और प्रबंधन करने की प्रक्रिया को सरल और तेज बनाएगा।

क्यूआर कोड की भूमिका

पैन कार्ड में क्यूआर कोड की सुविधा को शामिल किया जाएगा। यह कोड स्कैन करते ही कार्डधारक का नाम, फोटो, साइन, जन्मतिथि, माता-पिता के नाम जैसी सभी जानकारी सामने आ जाएगी।

क्या है प्रक्रिया और शुल्क?

•    फ्री ई-पैन: नया ई-पैन कार्ड आप अपनी ईमेल आईडी पर मंगवा सकते हैं, बिना कोई अतिरिक्त शुल्क।

•    फिजिकल पैन कार्ड: अगर आप इसकी हार्ड कॉपी चाहते हैं, तो मात्र 50 रुपये का भुगतान करना होगा।

•    फ्री अपडेट: पैन कार्ड में मोबाइल नंबर, ईमेल आईडी, पता, नाम या जन्मतिथि जैसे विवरण ऑनलाइन और फ्री में अपडेट किए जा सकते हैं।

कैसे करें आवेदन?

पैन 2.0 के तहत नया कार्ड बनवाने या अपडेट करवाने के लिए आपको आयकर विभाग की आधिकारिक वेबसाइट पर जाना होगा। जिनके पास पहले से पैन कार्ड है, उन्हें नया कार्ड बनवाने की जरूरत नहीं है।

पैन 2.0 से जुड़े फायदे

सरकार का कहना है कि यह पहल न केवल पैन कार्ड को अधिक उपयोगी बनाएगी, बल्कि छोटे व्यवसायों और मध्यम वर्ग के जीवन को सरल बनाएगी। मौजूदा पैन कार्ड भी मान्य रहेंगे, जिससे करदाताओं को किसी अतिरिक्त परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा।

पैन 2.0 के बारे में सवाल-जवाब

•    क्या नया पैन कार्ड फ्री होगा?

हां, ई-पैन कार्ड पूरी तरह फ्री होगा।

•    फिजिकल कॉपी का खर्च कितना है?

केवल 50 रुपये।

•    क्या मौजूदा पैन कार्ड वैध रहेंगे?

हां, पुराने पैन कार्ड भी मान्य होंगे।

सरकार की यह पहल डिजिटल इंडिया की दिशा में एक और बड़ा कदम है, जो न केवल करदाताओं के लिए सुविधाजनक होगा, बल्कि देश में ई-गवर्नेंस को भी बढ़ावा देगा।