Navratra 2024 : सातवें दिन देवी कालरात्रि का दर्शन, सभी तरह के संकटों से सुरक्षा देती हैं मां

नवरात्रि की सातवीं तिथि को माता कालरात्रि का दर्शन-पूजन होता है। काशी के कालिका गली मां कालरात्रि के रूप में विराजमान हैं। मां के दरबार में भोर से ही दर्शन-पूजन के लिए भक्तों का तांता लगा है। मां अपने भक्तों को सभी प्रकार के संकटों से सुरक्षा प्रदान करती हैं और उन्हें भय से मुक्त करती हैं। 
 

वाराणसी। नवरात्रि की सातवीं तिथि को माता कालरात्रि का दर्शन-पूजन होता है। काशी के कालिका गली मां कालरात्रि के रूप में विराजमान हैं। मां के दरबार में भोर से ही दर्शन-पूजन के लिए भक्तों का तांता लगा है। मां अपने भक्तों को सभी प्रकार के संकटों से सुरक्षा प्रदान करती हैं और उन्हें भय से मुक्त करती हैं। 

वाराणसी में मां कालरात्रि देवी के रूप में कलिका गली में भव्य और अति प्राचीन मंदिर में विराजमान हैं। मां बेहद भव्य स्वरूप में भक्तों को दर्शन देती हैं। सोमवार की भोर से ही माता के दर्शन को भक्तो की भीड़ उमड़ पड़ी। मां कालरात्रि को शत्रु नाशक रक्षा की देवी माना जाता है। इसलिए यहां भक्तों की खासी भीड़ रही। मां को नारियल बलि के रूप में चढ़ाने का विशेष महत्व है। मां को चुनरी के साथ लाल गुड़हल की माला व मिष्ठान भी भोग लगाया जाता है। इससे मां अपने भक्तों को सद्बुद्धि व सुरक्षा देती है। 

वाराणसी में मां काली रूपी कालरात्रि का मंदिर सैकड़ों वर्षों से भक्तों की आस्था का केंद्र रहा है। चैत्र नवरात्र में इनके दर्शनों का विशेष महत्व है। भक्त मां का दर्शन और पूजन करते हैं। मां कालरात्रि उनकी मनोकामना पूर्ण करती हैं। कोई अपने लिए सुरक्षा व समृद्धि मांगता है तो कोई मां से उनकी कृपा मांगता है। और उनसे अपनी मान की ईच्छा जाहिर करता है। मां भी अपने भक्तों की मनोकामना पूर्ण करती है।