राम ज्योति लाने अयोध्या रवाना हुई मुस्लिम महिलाएं, रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के दिन जगमगाएंगे घर
वाराणसी। रामलला की प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी को होगी। इसको लेकर हिंदुओं के साथ ही मुस्लिम समाज के लोगों में भी उत्साह है। पिछले 17 सालों में राम की भक्ति कर रहीं नाजनीन अंसारी अयोध्या से राम ज्योति लाने शनिवार को रवाना हुईं। पातालपुरी मठ के महंत बालकदास ने रामध्वजा प्रदान की। वहीं झंडी दिखाकर अयोध्या के लिए रवाना किया।
यात्रा दल में नाजनीन अंसारी, डॉ. नजमा परवीन, ताजीम भारतवंशी, रोजा भारतवंशी, अफरोज खान शामिल हैं। नाजनीन अंसारी के नेतृत्व में निकली रामज्योति यात्रा जौनपुर, अकबरपुर होते हुए अयोध्या पहुंचेगी, जहां साकेत भूषण श्रीराम मंदिर के पीठाधीश्वर महंत शम्भू देवाचार्य रामज्योति सौपेंगे। श्रीराम मंदिर और हनुमान गढ़ी में दर्शन के बाद नाजनीन अंसारी रामज्योति लेकर रविवार को वापस सुभाष भवन पहुचेंगी, जहां पूर्वांचल के सैकड़ों मुसलमान उनके स्वागत के लिए जुटेंगे। रामज्योति यात्रा की अगवानी विशाल भारत संस्थान के जौनपुर जिला चेयरमैन नौशाद अहमद दुबे ने चंदवक से किया। यात्रा का स्वागत जगह–जगह पर किया गया और मुसलमानों ने जय सियाराम के नारे भी लगाए।
इस अवसर पर मुस्लिम महिला फाउण्डेशन की राष्ट्रीय अध्यक्ष नाजनीन अंसारी ने कहा कि भगवान श्रीराम सबके पूर्वज हैं। 500 सालों बाद उनका मन्दिर बन रहा है तो हम सबको खुशी है और हम खुलकर खुशी जाहिर करेंगे। नफरत के अंधकार ने हमारे पूर्वजों का चेहरा ढक दिया था। अब रामज्योति में सबका चेहरा साफ दिख रहा है। दिख रहा है कि हम भारतीय भूखण्ड के रहने वाले हैं और हमारे पूर्वज भगवान श्रीराम हैं। धर्म बदल सकते हैं लेकिन अपनी संस्कृति, अपनी परम्पराएं और अपने पूर्वज कभी नहीं बदल सकते। हिंसा, नफरत और आतंकवाद पर रामज्योति भारी है। आज भारतीयों की खुशी में हर मुसलमान को शामिल होना चाहिए।
रामपंथ के पंथाचार्य डा. राजीव श्रीगुरुजी ने कहा कि मुस्लिम बहनों का यह प्रयास हिन्दुओं और मुसलमानों के बीच एक भावनात्मक रिश्ते को जन्म देगा, जिससे मुसलमानों को अपने पूर्वजों और परम्पराओं से जुड़ने का मौका मिलेगा। रामज्योति केवल घरों को प्रकाशित नहीं करेगी, बल्कि आत्मा को भी प्रकाशमान बनाएगी और रिश्तों की नई परम्परा शुरू होगी। मुस्लिम समाज के इस खुशी में शामिल होने से एकता और भाईचारे को बल मिलेगा।
महंत बालक दास जी महाराज ने कहा कि रामज्योति यात्रा हिन्दू और मुसलमानों के बीच सामंजस्य स्थापित करने वाली है। राम पूरे ब्रह्माण्ड के हैं। उनके नाम पर कोई भेद नहीं हो सकता। मुसलमान इस खुशी में शामिल हो रहे हैं, इससे भाईचारा और मजबूत होगा। अगर तुलसी के राम हैं तो कबीर के भी राम हैं। रामभक्ति के लिये मुस्लिम बेटियों का यह प्रयास इतिहास रचने वाला है। यात्रा रवाना करने वालों में डा. अर्चना भारतवंशी, आभा भारतवंशी, डा. मृदुला जायसवाल, ज्ञानप्रकाश, सौरभ पांडेय, आत्मप्रकाश सिंह, खुशी रमन भारतवंशी, उजाला भारतवंशी, इली भारतवंशी, दक्षिता भारतवंशी ने सहयोग किया।