तहखाने में पूजा पाठ के जिला न्यायालय के आदेश के खिलाफ हाईकोर्ट पहुंचा मुस्लिम पक्ष, व्यास परिवार ने भी दाखिल किया कैविएट

 
वाराणसी/प्रयागराज। ज्ञानवापी के व्यासजी तहखाने में पूजा-पाठ के जिला जज के आदेश के खिलाफ मुस्लिम पक्ष को सुप्रीमकोर्ट ने हाईकोर्ट जाने का निर्देश दिया था। अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी ने अब हाईकोर्ट का रूख किया है। कमेटी ने हाईकोर्ट में पुनरीक्षण याचिका दाखिल करते हुए जिला जज के फैसले पर रोक लगाने की मांग की है। 

इसी बीच हिन्दू पक्ष से व्यासजी परिवार के शैलेन्द्र कुमार पाठक ने हाईकोर्ट पहुंच कर इस मामले में कैविएट दाखिल किया। उन्होंने कैविएट दाखिल कर मुस्लिम पक्ष कर ओर से दायर याचिका पर सुनवाई के लिए उन्हें भी अवसर देने की मांग की है। वहीं मुस्लिम पक्ष ने जिला न्यायालय में भी एक अर्जी दी है, जिसमें उन्होंने पूजा को कम से कम 15 दिनों तक रोक लगाने की गुहार लगाई है। इसके पीछे हाईकोर्ट में दलील दी गई है। मुस्लिम पक्ष का कहना है कि जब मामला हाईकोर्ट पहुंचा है, तो एक बार वहां फैसला हो जाने दिया जाय। इस बाद सारी कार्यवाही अदालत ने निर्देशानुसार होगी। जिला न्यायालय में इस मामले पर सुनवाई 5 फरवरी को होनी है। 

आधी रात शुरू हुआ तहखाने में पूजा पाठ

इससे पहले जिला जज के आदेश पर बुधवार आधी रात ज्ञानवापी के व्यासजी तहखाने में पूजा-पाठ का क्रम शुरू हुआ। कोर्ट के आदेश पर जिला प्रशासन ने परिसर की बैरिकेडिंग हटाई थी। कर्मकांडी गणेश्वर शास्त्री ने वहां विधिवत पूजा अर्चना शुरू कराई। इसके बाद लगभग 3 बजे पूजा पाठ कराकर अधिकारी मंदिर परिसर के बाहर आ गए। 

बता दें कि तहखाने में लगभग 31 साल बाद जिला न्यायालय के आदेश पर पूजा पथ शुरू हुआ। वर्ष 1993 में तत्कालीन मुलायम सरकार के मौखिक आदेश पर जिला प्रशासन ने उक्त स्थल को बैरिकेडिंग करते हुए सील कर दिया था और पूजा-पाठ पर रोक लगा दी थी। जिसके बाद से हिन्दुओं में आक्रोश था।