मानसून सीजन में नगर निगम लगवाएगा 20 हजार पौधे, महापौर ने नालों की सफाई और पेयजल व्यवस्था का जाना हाल 

नगर निगम सभागार (स्मार्ट सिटी कार्यालय) में बुधवार को महापौर अशोक कुमार तिवारी एवं नगर आयुक्त अक्षत वर्मा की अध्यक्षता में एक समीक्षा बैठक आयोजित की गई। इसमें नगर निगम की ओर से मानसून सीजन में 20 पौधारोपण के साथ ही नालों की सफाई, पेयजल आदि की व्यवस्था के बाबत चर्चा की गई। मेयर ने साफ शब्दों में निर्देशित किया कि आगामी बरसात से पहले सभी नालों और नालियों की सफाई युद्ध स्तर पर कराते हुए उसे समय से पूर्ण किया जाए, ताकि जलभराव जैसी समस्याओं से बचा जा सके।
 

वाराणसी। नगर निगम सभागार (स्मार्ट सिटी कार्यालय) में बुधवार को महापौर अशोक कुमार तिवारी एवं नगर आयुक्त अक्षत वर्मा की अध्यक्षता में एक समीक्षा बैठक आयोजित की गई। इसमें नगर निगम की ओर से मानसून सीजन में 20 पौधारोपण के साथ ही नालों की सफाई, पेयजल आदि की व्यवस्था के बाबत चर्चा की गई। मेयर ने साफ शब्दों में निर्देशित किया कि आगामी बरसात से पहले सभी नालों और नालियों की सफाई युद्ध स्तर पर कराते हुए उसे समय से पूर्ण किया जाए, ताकि जलभराव जैसी समस्याओं से बचा जा सके।

गर्मी के मौसम को ध्यान में रखते हुए पेयजल संकट से निपटने के लिए जलकल विभाग को विशेष निर्देश दिए गए। महापौर ने कहा कि सभी ट्यूबवेल और पम्पिंग स्टेशनों को ठीक कर उन्हें पूरी तरह क्रियाशील किया जाए। साथ ही प्रमुख स्थानों पर प्याऊ और वाटर कूलर लगाने की व्यवस्था भी जल्द पूरी की जाए। शहर की हरियाली को बढ़ावा देने के लिए महापौर ने इस वर्ष 20,000 वृक्ष लगाने का लक्ष्य निर्धारित किया। इसके लिए नगर निगम के प्रत्येक अधिकारी और कर्मचारी को वृक्षारोपण का व्यक्तिगत लक्ष्य निर्धारित कर उसकी देखभाल सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए।

महापौर ने घाटों की सफाई व्यवस्था को और बेहतर बनाने के लिए अत्याधुनिक मशीनें खरीदने की बात कही। साथ ही पुराने कुएं और तालाबों के जीर्णोद्धार कार्य को शीघ्र पूरा करने का आदेश भी दिया। बैठक में सीएम ग्रिड योजना के अंतर्गत चल रहे कार्यों की धीमी गति पर नाराजगी जताई गई और समयबद्ध तरीके से कार्य पूर्ण कराने को कहा गया। वहीं नगर आयुक्त ने कर वसूली व्यवस्था को मजबूत करने हेतु गृहकर, जलकर और सीवरकर की एकीकृत बिलिंग प्रणाली के जरिए शत-प्रतिशत वसूली का लक्ष्य तय किया। 

बैठक में जीआईएस सर्वेक्षण के अंतर्गत छूटे हुए भवनों और ग्रुप हाउसिंग परियोजनाओं को एक माह के भीतर कर के दायरे में लाने का निर्देश भी जोनल अधिकारियों को दिया गया। इसके अलावा विद्युत विभाग द्वारा बिना अनुमति सड़कों की खुदाई पर कड़ी आपत्ति जताते हुए संबंधित विभाग से रोड कटिंग शुल्क वसूलने और पूर्व स्वीकृति के बिना खुदाई पर रोक लगाने का निर्देश दिया गया। इसके अलावा मुकदमों की प्रभावी पैरवी, सफाई व सड़कों की मरम्मत में गुणवत्ता सुनिश्चित करना, आवारा पशुओं की धरपकड़ और कूड़ा उठान की निगरानी बारकोड प्रणाली से करने पर भी जोर दिया गया।