वाराणसी में जर्जर मकानों पर नगर निगम का बुलडोजर, खाली कराकर गिराए गये कई मकान, पियरी पर बुलडोजर के आगे लेटी महिला

 
वाराणसी। शहर में जर्जर मकानों को लेकर नगर निगम एक्शन मोड में है। नोटिस जारी करने के बावजूद मकान स्वामियों द्वारा मकान खाली न करने पर शनिवार को कई मकानों को जबरन खाली कराया गया और फिर ध्वस्त कर दिया गया। नगर निगम ने पुराने और जर्जर हो चुके मकानों को गिराने की मुहिम शुरू कर दी है।

शनिवार को प्रशासनिक टीम ने पियरी चौकी के सामने स्थित एक जर्जर मकान को गिराने की कार्रवाई की। मकान में रह रहे लोगों को पहले निकाला गया था, जिन्हें पहले ही नोटिस दिया गया था, लेकिन मकान खाली न होने पर प्रशासन ने सख्ती दिखाई।

मकान खाली कराने में पुलिस को करनी पड़ी मशक्कत

जैसे ही नगर निगम और पुलिस की टीम बुलडोजर के साथ मौके पर पहुंची, मकान में रह रहे किरायेदारों और प्रशासन के बीच जमकर बहस हो गई। महिलाएं बुलडोजर के सामने आकर विरोध करने लगीं, जिसके बाद पुलिस को हस्तक्षेप करना पड़ा। इस दौरान एक महिला बुलडोजर के सामने सड़क पर ही लेट गई। जिसे वहां मौजूद महिला पुलिसकर्मियों ने हटाया। पुलिस की मौजूदगी में ही मकान को खाली करवाकर बुलडोजर चलाया गया और मकान को गिरा दिया गया।

नगर निगम ने शहर भर में जर्जर मकानों के खिलाफ अभियान तेज कर दिया है। हाल ही में 76 जर्जर मकानों की पहचान की गई है, जिन्हें खाली कराने के बाद ध्वस्त किया जाएगा। 

पुराना नोटिस और मकान ध्वस्तीकरण की प्रक्रिया

प्रशासन द्वारा बताया गया कि उक्त मकान को 2014 में ही जर्जर घोषित किया जा चुका था। नगर निगम अधिनियम 1959 की धारा 334 के तहत मकान मालिकों को नोटिस जारी किया गया था, जिसके बाद उन्हें तुरंत मकान खाली करना था। नोटिस वापस लिए जाने तक मकान में कोई प्रवेश नहीं कर सकता, हालांकि वैध निर्माण कार्य की अनुमति दी जा सकती है।

200-300 साल पुराने हैं 100 से ज्यादा मकान

नगर निगम ने शहर में 404 जर्जर मकानों की पहचान की है। इनमें से चौक, कोतवाली और दशाश्वमेध क्षेत्रों में करीब 100 से अधिक मकान 200 से 300 साल पुराने हैं और किसी भी समय गिर सकते हैं। इनमें से 50 से अधिक मकानों में किराएदारी का विवाद चल रहा है, जो कोर्ट में लंबित होने के कारण नगर निगम भी कार्रवाई करने से बचता है। इस कारण कई मकान मालिक अब तक कार्रवाई से बचते आए हैं।

आदेश न मानने पर होगी सख्त कार्रवाई: नगर आयुक्त

नगर आयुक्त अक्षत वर्मा ने चेतावनी दी है कि मकान खाली करने के बाद ही ध्वस्तीकरण की प्रक्रिया शुरू की जाएगी और इसका खर्च मकान मालिक से वसूला जाएगा। यदि मकान मालिक समय सीमा के भीतर आदेश का पालन नहीं करते हैं, तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।