यूपी में मंकीपॉक्स का खतरा, स्वास्थ्य विभाग अलर्ट, स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक ने जारी की एडवाइजरी

 

वाराणसी/लखनऊ। यूपी में मंकीपॉक्स (Monkeypox) को लेकर स्वास्थ्य विभाग अलर्ट पर है। डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने इसे लेकर निर्देश जारी किये हैं। स्वास्थ्य विभाग को अलर्ट पर रहने को कहा गया है। हालांकि अभी तक यूपी में मंकीपॉक्स (Monkeypox) का एक भी मरीज नहीं मिला है। बावजूद डिप्टी सीएम ने सभी जनपदों के एंट्री प्वाइंट्स पर हो मरीजों की स्क्रीनिंग करने के निर्देश दिए हैं। जिससे समय रहते इसके प्रसारण पर रोक लगाई जा सके। 

क्या है मंकीपॉक्स (Monkeypox)? 

मंकीपॉक्स एक दुर्लभ लेकिन संक्रामक बीमारी है, जो मंकीपॉक्स वायरस के कारण होती है। यह वायरस ऑर्थोपॉक्सवायरस जीनस से संबंधित है, जिसमें वैरीयोला वायरस (चेचक का कारण) भी शामिल है। मंकीपॉक्स का पहला मामला 1958 में बंदरों में पाया गया था, इसलिए इसका नाम "मंकीपॉक्स" पड़ा। हालांकि, यह बीमारी मुख्य रूप से छोटे जानवरों, जैसे कि चूहे और गिलहरी के माध्यम से फैलती है, और कभी-कभी इंसानों में भी संक्रमण हो जाता है।

लक्षण:

मंकीपॉक्स के लक्षण चेचक के लक्षणों से मिलते-जुलते हैं लेकिन आमतौर पर कम गंभीर होते हैं। संक्रमण के 7-14 दिनों के भीतर लक्षण दिखाई देने लगते हैं, जिनमें शामिल हैं:

1: बुखार
2: सिरदर्द
3: मांसपेशियों में दर्द
4: पीठ में दर्द
5: ठंड लगना
6: थकावट
7: सूजी हुई लिम्फ नोड्स

बुखार के 1 से 3 दिनों के बाद, चेहरे पर दाने दिखाई देते हैं, जो पूरे शरीर में फैल सकते हैं। दाने पहले लाल चकत्तों के रूप में शुरू होते हैं, फिर पुटिकाओं और फफोलों में बदल जाते हैं, जो अंत में पपड़ी बनकर गिर जाते हैं।

संक्रमण का तरीका

मंकीपॉक्स वायरस का संक्रमण मुख्य रूप से जानवरों से इंसानों में होता है, खासकर तब जब कोई संक्रमित जानवर काटे या उसके शारीरिक तरल पदार्थ से संपर्क हो। संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से भी यह बीमारी फैल सकती है। यह श्वसन बूंदों, संक्रमित वस्त्रों, बिस्तर और अन्य सामग्रियों के माध्यम से भी फैल सकता है।

रोकथाम और उपचार

- टीकाकरण: चेचक का टीका मंकीपॉक्स के खिलाफ प्रभावी पाया गया है, लेकिन इसका उपयोग सीमित है।

- संक्रमण नियंत्रण: संक्रमित व्यक्तियों से संपर्क से बचना, व्यक्तिगत स्वच्छता बनाए रखना और उचित सुरक्षात्मक उपकरणों का उपयोग करना।

- देखभाल: संक्रमण के लिए विशेष एंटीवायरल दवाओं और लक्षणों को नियंत्रित करने के लिए चिकित्सा देखभाल आवश्यक हो सकती है।