जलियांवाला बाग नरसंहार की बरसी पर याद किए गए शहीद उधम सिंह, ‘गॉड ऑफ़ ऑनर’ देकर किया गया नमन

 

 

वाराणसी। शहीद उधम सिंह स्मारक समिति ट्रस्ट की ओर से शनिवार को जलियांवाला बाग गोलीकाण्ड के 105 वें शहादत दिवस पर उधम सिंह के प्रतिमा के समक्ष वाराणसी पुलिस के जवानों ने शोक मातमी, शोक सलामी "गार्ड ऑफ आनर" देकर नमन किया। इस अवसर पर घुड़सवार के नव जवानों ने बिगुल बजाकर लोगों में शहीद उधम सिंह के वीरता और अदम्य साहस का परिचय कराया। शहीद उधम सिंह को गार्ड ऑफ ऑनर के बाद चारों धर्मों के अनुयायियों ने वेद पाठ, कुरान की आयतें, बाईबिल पाठ के साथ ही गुरुबाग से आये "रागी जत्था" गुरु ग्रन्थ साहब जी की वाणी का पाठ किया।

शहीद स्मारक स्थल पर आयोजित सर्वदलीय सभा में अतिथियों का स्वागत करते हुए ट्रस्ट के चेयरमैन उदय नारायण सिंह ने कहा कि उधम सिंह का पूरी दुनिया में शहीदों में सर्वोच्च स्थान है। क्योंकि सात समुद्र पार कर जनरल डायर को गोली मार उन्होंने 21 साल बाद इस हत्याकांड का बदला लिया था।

उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया में राष्ट्र और धर्म रक्षा के मामले में गुरु गोविन्द सिंह का कोई शानी नहीं है। समा में सर्वसम्मत से यह मांग की गई कि काशी में शहीद उधम सिंह के पहले दोस्त व महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी स्व० बालमुकुन्द सिंह की आदमकद प्रतिमा उ० प्र० सरकार ने स्वीकृती प्रदान कर दी है। जो जल्द उधम सिंह जी में पार्क में लगेगी। इसके साथ गिरजाघर पंचमुहानी का नाम "शहीद उधम सिंह पंचमुहानी" किया जाय। इसके अलावा शहीद उधम सिंह पार्क में संग्रहालय वाचनालय में उनकी वाराणसी की स्मृतियों को सहेजा जाय। 

इस अवसर पर लोंगों ने शहीद उधम सिंह की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर नमन किया। अतिथियों का स्वागत ट्रस्ट के चेयरमैन उदय नारायण सिंह एवं धन्यवाद ज्ञापन विजय नारायण सिंह ने दिया। इस समारोह के मुख्य उपस्थित लोग में काशी राज परिवार के सदस्य डॉ० अशोक सिंह, बाबू हरेन्द्र शुक्ला, डॉ० सत्यदेव सिंह, विजय नारायण सिंह, बी० के० सिंह (I.A.S.), ऋषि नारायण सिंह, हौसला प्रसाद सिंह, नरेन्द्र सिंह, दीपक सिंह, वेदान्त सिंह, अजीत सिंह, रामबाबु, फादर आनंद (गिरजाघर चर्च) फादर डेनीस, साधु संत महात्मा उपस्थित रहे। 

सभा का संचालन आयोजक उदय नारायण सिंह ने किया। सभा की अध्यक्षता श्री रामबाबू "प्रधानाचार्य" ने की। धन्यवाद ज्ञापन विजय नारायण सिंह ने दिया। सभा में टस्ट्र के अध्यक्ष स्व० मंगल सिंह जी को विशेश सम्मान व आदर के साथ याद किया गया।