चारों वेदों के मंत्रों की होगी रिकॉर्डिंग, सुरेश वाडेकर देंगे स्वर, डिजिटल स्वरूप तैयार करेगा संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय 

भारतीय संस्कृति की अमूल्य धरोहर चारों वेदों के मूल मंत्रों के संरक्षण की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल की जा रही है। संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय द्वारा चारों वेदों के मंत्रों की रिकॉर्डिंग कर उनका डिजिटल स्वरूप तैयार किया जाएगा। इस विशेष कार्यक्रम के अंतर्गत प्रसिद्ध गायक सुरेश वाडेकर अपने स्वर में वेद मंत्रों का उच्चारण रिकॉर्ड करेंगे।
 

वाराणसी। भारतीय संस्कृति की अमूल्य धरोहर चारों वेदों के मूल मंत्रों के संरक्षण की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल की जा रही है। संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय द्वारा चारों वेदों के मंत्रों की रिकॉर्डिंग कर उनका डिजिटल स्वरूप तैयार किया जाएगा। इस विशेष कार्यक्रम के अंतर्गत प्रसिद्ध गायक सुरेश वाडेकर अपने स्वर में वेद मंत्रों का उच्चारण रिकॉर्ड करेंगे।

विश्वविद्यालय में वेदों के मूल स्वरूप को संरक्षित करने का कार्य शुरू कर दिया गया है। बताया गया कि कभी वेदों की 1131 शाखाएं थीं, लेकिन वर्तमान में केवल 13 शाखाएं ही शेष हैं। वेदों की मौखिक परंपरा के कारण आज तक उनका शुद्ध रूप सुरक्षित रहा है, परंतु आधुनिक समय में संरक्षण के लिए डिजिटल माध्यम को आवश्यक माना जा रहा है।

इस परियोजना के अंतर्गत संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय का वेद विभाग, लिटिल स्टूडियो के संचालक पंकज रोहरा, सुप्रसिद्ध गायक सुरेश वाडेकर तथा एचएमयू (हेरिटेज मीडिया यूनिट) के सहयोग से यह कार्य किया जाएगा। मंत्रों की रिकॉर्डिंग मुंबई में की जाएगी, जहां विशेषज्ञों की निगरानी में शुद्ध उच्चारण के साथ वेद मंत्रों को रिकॉर्ड किया जाएगा।

वेद विभाग के सहायक आचार्य डॉ. विजय कुमार शर्मा ने बताया कि यह कार्य वेदों की परंपरागत शैली और शुद्धता को बनाए रखते हुए किया जाएगा। इस दौरान वेदों के मंत्रों के संरक्षण, अध्ययन और अनुसंधान को बढ़ावा मिलेगा। कुलपति प्रो. बिहारी लाल शर्मा ने कहा कि विश्वविद्यालय द्वारा इस प्रकार के महत्वपूर्ण कार्यों के माध्यम से वेदों की दुर्लभ शाखाओं और मौलिक परंपरा को सुरक्षित रखने का प्रयास किया जा रहा है। यह परियोजना आने वाली पीढ़ियों के लिए वेदों की अमूल्य धरोहर को सहेजने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगी।