काशी में शांत हो मां गंगा की रौद्र धारा, राजेंद्र प्रसाद घाट पर मांझी समाज ने की विशेष पूजा-अर्चना

 
वाराणसी। काशी में गंगा पुत्रों ने मां गंगा के रौद्र रूप को शांत करने के लिए शुक्रवार को विशेष पूजा-अर्चना की। वाराणसी के डॉ. राजेंद्र प्रसाद घाट पर मां गंगा निषाद राज सेवा समिति, उत्तर प्रदेश के तत्वाधान में एक विशाल पूजा का आयोजन किया गया। इस आयोजन में काशी के माझी समाज और मां गंगा के भक्तों ने सुबह मां गंगा की पूजा की।

समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष विनोद कुमार निषाद गुरु ने मां गंगा की भव्य पूजा संपन्न की, जिसमें 51 दीप दान, नारियल फोड़ना और दर्जनों गजरों की माला, फूल और प्रसाद भेंट किए गए। विनोद कुमार निषाद गुरु के साथ-साथ, काशी के माझी समाज और काशीवासियों ने मिलकर मां गंगा से प्रार्थना की कि वे अपने रौद्र रूप को शांत करें। लोगों ने मां गंगा को याद दिलाया कि राजा भागीरथ के अथक प्रयासों से वे धरती पर आई थीं और अपने पवित्र जल से जीव-जंतुओं और मानव जाति को जीवन प्रदान किया है।

समारोह के अंत में बाबा विश्वनाथ के चित्र पर माला और फूल चढ़ाकर उन्हें भी मनाने की कोशिश की गई, ताकि वे अपनी जटाओं में मां गंगा की धारा को नियंत्रित कर सकें और उनकी शांतिपूर्ण प्रवाह को बहाल कर सकें।

गंगोत्री से गंगासागर तक, हरिद्वार, ऋषिकेश, गंगा-जमुना, टिहरी, फरक्का बाध, रिहंद बांध, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, बिहार और कोलकाता तक, जहां मां गंगा समाहित होती हैं, करोड़ों जीव-जंतुओं का जीवन अब बाबा विश्वनाथ के हाथों में है। सभी काशीवासियों ने मां गंगा के साथ बैठकर जप और पूजा की, और "ओम नमः शिवाय" के हजारों जाप के साथ मां गंगा के विकराल रूप को शांत करने की प्रार्थना की। 

इस विशेष पूजा कार्यक्रम में रामकिशन मांझी, महानगर अध्यक्ष जितेंद्र साहनी, मानू साहनी, लव कुश माझी, गोपाल प्रसाद निषाद, शिवकुमार निषाद, पप्पू साहनी, राजू साहनी, गोलू साहनी, और अन्य काशीवासी उपस्थित रहे। जिन्होंने गंगा मैया की जयकारे लगाते हुए "जय जय गंगे", "हर हर गंगे" के नारे लगाए।