श्मशान घाट के मलबे से बनेगा मणिकर्णिका व हरिश्चंद्र घाट पर प्लेटफार्म, क्रूज से डोमरी ले जाया जा रहा मलबा 

महाश्मशान मणिकर्णिका व हरिश्चंद्र घाट पर निर्माण कार्य की प्रक्रिया तेज हो गई है। मणिकर्णिका व हरिश्चंद्र घाट के मलबे से ही दोनों श्मशान घाट पर प्लेटफार्म बनाए जाएंगे। घाट पर कामकाज को जगह बनाने के लिए मलबा क्रूज से हटाकर डोमरी भेजा जा रहा है। वहां सतुआ बाबा आश्रम में मलबा रखा जाएगा। 
 

वाराणसी। महाश्मशान मणिकर्णिका (Manikarnika) व हरिश्चंद्र घाट (Harishchandra ghat) पर निर्माण कार्य की प्रक्रिया तेज हो गई है। मणिकर्णिका व हरिश्चंद्र घाट के मलबे से ही दोनों श्मशान घाट पर प्लेटफार्म बनाए जाएंगे। घाट पर कामकाज को जगह बनाने के लिए मलबा क्रूज (Cruize) से हटाकर डोमरी भेजा जा रहा है। वहां सतुआ बाबा आश्रम (satua baba ashram) में मलबा रखा जाएगा। 

 

34.86 करोड़ की लागत से दोनों श्मशान घाट पर निर्माण कार्य कराए जाएंगे। महाश्मशान मणिकर्णिका के विकास पर 18 करोड़ रुपये खर्च होंगे। 29,350 वर्ग फीट क्षेत्रफल में निर्माण कार्य कराए जाएंगे। इसी प्रकार हरिश्चंद्र घाट के विकास पर 16.86 करोड़ खर्च होंगे। यहां 13,250 वर्ग फीट में कार्य होंगे। 

 

श्मशान घाट पर शव को स्नान कराने के लिए पवित्र जल कुंड, वेटिंग एरिया (Waitnig area), पंजीकरण कक्ष (registration room), नीचे शव दाह (funeral) के लिए 19 बर्थ, लकड़ी भंडारण क्षेत्र, सामुदायिक प्रतीक्षा कक्ष, दो सामुदायिक शौचालय (Comunity toilet), अपशिष्ट ट्रालियों की स्थापना और मुंडन क्षेत्र बनेगा। 

फिलहाल घाट का मलबा हटाया जा रहा है, लेकिन दोनों घाटों पर प्लेटफार्म निर्माण के लिए जरूरत पड़ने पर दोबारा इसे वापस मंगाया जाएगा। दोनों श्मशान घाट पर खुले में दाह संस्कार नहीं होगा। दाह संस्कार क्षेत्र को चारों तरफ से कवर किया जाएगा।