मालवीय जयंती : फूलों की खुशबू और खूबसूरती से दमकेगी महामना की बगिया, पूर्वांचल की सबसे बड़ी पुष्प प्रदर्शनी में दिखेंगे 400 तरह के फूल और सब्जियां

काशी हिंदू विश्वविद्यालय अपने संस्थापक भारत रत्न पंडित महामना मदन मोहन मालवीय की जन्म जयंती को हर वर्ष “विश्वविद्यालय परिवार पर्व” के रूप में भव्यता से मनाता है। इस अवसर पर पूरा विश्वविद्यालय परिसर आकर्षक सजावट से जगमगा उठता है। इस साल भी मालवीय जयंती के अवसर पर बीएचयू में पुष्प प्रदर्शनी का आयोजन किया जाएगा। 25 से 27 दिसंबर तक चलने वाली तीन दिवसीय पूर्वांचल की सबसे बड़ी पुष्प प्रदर्शनी में 400 प्रकार के फूल और सब्जियों का प्रदर्शन होगा। 
 

रिपोर्ट : ओमकार नाथ 


वाराणसी। काशी हिंदू विश्वविद्यालय अपने संस्थापक भारत रत्न पंडित महामना मदन मोहन मालवीय की जन्म जयंती को हर वर्ष “विश्वविद्यालय परिवार पर्व” के रूप में भव्यता से मनाता है। इस अवसर पर पूरा विश्वविद्यालय परिसर आकर्षक सजावट से जगमगा उठता है। इस साल भी मालवीय जयंती के अवसर पर बीएचयू में पुष्प प्रदर्शनी का आयोजन किया जाएगा। 25 से 27 दिसंबर तक चलने वाली तीन दिवसीय पूर्वांचल की सबसे बड़ी पुष्प प्रदर्शनी में 400 प्रकार के फूल और सब्जियों का प्रदर्शन होगा। 

तीन दिवसीय पूर्वांचल की सबसे बड़ी पुष्प प्रदर्शनी
महामना की जन्म जयंती के अवसर पर बीएचयू में तीन दिवसीय पूर्वांचल की सबसे बड़ी पुष्प प्रदर्शनी का आयोजन किया जाता है। इस दौरान साग-सब्जी, फल और फूलों की भव्य प्रदर्शनी के साथ मंडप भी सजाया जाता है। प्रदर्शनी में न केवल वाराणसी, बल्कि अन्य जनपदों और राज्यों से भी प्रतिभागी हिस्सा लेते हैं। इस प्रदर्शनी में लगभग 400 प्रकार के फूल, फल और सब्जियों की कैटेगरी लगाई जाती है, जिनमें प्रत्येक कैटेगरी में तीन-तीन पुरस्कार प्रदान किए जाते हैं। यह प्रदर्शनी पूर्वांचल ही नहीं, बल्कि देशभर में अपनी अलग पहचान रखती है। इसे देखने के लिए देश के विभिन्न हिस्सों के साथ-साथ विदेशों से भी लोग पहुंचते हैं। कैमरे और मोबाइल में इस मनमोहक दृश्य को कैद करने के लिए लोगों की भारी भीड़ उमड़ती है।

70 वर्षों से चली आ रही परंपरा

यह पुष्प प्रदर्शनी मालवीय भवन में आयोजित की जाती है और लगभग 70 वर्षों से निरंतर आयोजित हो रही है। इसके सफल आयोजन के पीछे विश्वविद्यालय के हॉर्टिकल्चर (उद्यान) विभाग के प्रोफेसरों और कर्मचारियों की कड़ी मेहनत रहती है। एक-एक फूल का चयन, उसकी कटाई-छंटाई और लंबे समय तक उसे सुरक्षित रखने की प्रक्रिया अत्यंत श्रमसाध्य होती है। इस प्रदर्शनी की तैयारी में विश्वविद्यालय करीब दो महीने पहले से जुट जाता है और कर्मचारी दिन-रात परिश्रम करते हैं।

हर वर्ष अलग थीम

हर साल पुष्प प्रदर्शनी की एक विशेष थीम निर्धारित की जाती है। इस वर्ष की थीम “ज्ञान से विज्ञान की ओर” और “गगनयान” रखी गई है।
इस संबंध में प्रोफेसर सरफराज ने बताया कि वर्तमान समय विज्ञान का युग है और भारतीय वैज्ञानिक निरंतर नए आयाम छू रहे हैं। उन्होंने कहा कि भारत के वैज्ञानिकों द्वारा चंद्रमा के अंधेरे हिस्से तक पहुंचना और वहां गगनयान से जुड़े प्रयोग करना अपने आप में एक ऐतिहासिक उपलब्धि है। इसी को ध्यान में रखते हुए इस वर्ष की प्रदर्शनी वैज्ञानिकों को समर्पित की गई है, ताकि उनके योगदान को याद किया जा सके और उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि दी जा सके।

हजारों प्रतिभागी, लाखों दर्शक

उद्यान विभाग के विशेषज्ञ प्रोफेसर अश्वनी कुमार देशवाल ने बताया कि यह पूर्वांचल की सबसे बड़ी पुष्प प्रदर्शनी है, जिसमें मंडल स्तर तक के प्रतिभागी शामिल होते हैं। उन्होंने बताया कि लगभग 400 कैटेगरी में प्रदर्शनी लगती है, जिसमें करीब 4000 प्रतियोगी भाग लेते हैं। प्रदर्शनी को देखने के लिए लाखों लोग तीन दिनों में विश्वविद्यालय परिसर पहुंचते हैं। पिछले वर्ष 389 कैटेगरी में फूलों की प्रदर्शनी लगाई गई थी। इस आयोजन का प्रमुख उद्देश्य लोगों में पर्यावरण के प्रति जागरूकता और रुचि बढ़ाना है।

मालवीय कंपोस्ट की बिक्री भी होगी शुरू

इस वर्ष एक नई पहल के तहत विश्वविद्यालय द्वारा तैयार किया गया “मालवीय कंपोस्ट” भी प्रदर्शनी में बिक्री के लिए उपलब्ध कराया जाएगा। प्रोफेसर देशवाल ने बताया कि इसकी कीमत विश्वविद्यालय द्वारा निर्धारित की गई है और यह उच्च गुणवत्ता का होगा। आम लोग भी इसे खरीद सकेंगे।

उद्घाटन और समापन

मालवीय जयंती पर आयोजित इस तीन दिवसीय पुष्प प्रदर्शनी का शुभारंभ बीएचयू के कुलपति प्रो. अजीत चतुर्वेदी करेंगे। वहीं, समापन समारोह में आईआईटी (बीएचयू) के निदेशक प्रो. अमित पात्रा मुख्य अतिथि होंगे और उनके द्वारा पुरस्कार वितरण किया जाएगा। यह प्रदर्शनी 25 दिसंबर से 27 दिसंबर तक चलेगी और महामना मदन मोहन मालवीय की स्मृति में ज्ञान, विज्ञान, प्रकृति और पर्यावरण का अद्भुत संगम प्रस्तुत करेगी।