Makar Sankranti 2024 : काशी में घाटों पर उमड़ा श्रद्धालुओं का रेला, गंगा में आस्था की डुबकी लगाकर बने पुण्य के भागी, धुल जाते हैं सारे पाप  

मकर संक्रांति के अवसर पर गंगा घाटों पर आस्था का सैलाब उमड़ा। कड़ाके की ठंड में लाखों श्रद्धालु गंगा घाटों पर पहुंचे। लोगों ने मां जाह्न्वी की पावन धारा में डुबकी लगाकर अपने सारे पाप धोए। काशी में राजघाट से लेकर सामने घाट पर गंगा किनारे स्नानार्थियों की भीड़ रही। ऐसी मान्यता है कि मकर संक्रांति पर गंगा स्नान का विशेष पुण्य मिलता है। इस दौरान प्रशासन अलर्ट रहा। एनडीआरएफ व जल पुलिस की टीम मुस्तैद रही। 
 

वाराणसी। मकर संक्रांति के अवसर पर गंगा घाटों पर आस्था का सैलाब उमड़ा। कड़ाके की ठंड में लाखों श्रद्धालु गंगा घाटों पर पहुंचे। लोगों ने मां जाह्न्वी की पावन धारा में डुबकी लगाकर अपने सारे पाप धोए। काशी में राजघाट से लेकर सामने घाट पर गंगा किनारे स्नानार्थियों की भीड़ रही। ऐसी मान्यता है कि मकर संक्रांति पर गंगा स्नान का विशेष पुण्य मिलता है। इस दौरान प्रशासन अलर्ट रहा। एनडीआरएफ व जल पुलिस की टीम मुस्तैद रही। 

शहर में इस समय कड़ाके की ठंड पड़ रही है। इसके बावजूद मकर संक्रांति पर गंगा स्नान के लिए भोर से ही श्रद्धालुओं का रेला घाटों पर पहुंचने लगा। गैरजनपद से आए स्नानार्थी तो रात में ही पहुंच गए। रैनबसेरों में रात्रि विश्राम किया और भोर में गंगा की धारा में आस्था की डुबकी लगाई। इसके बाद घाटों पर पंडों, पुरोहितों व गरीबों को दान दिया। 

पंडित वासुदेव महाराज ने कहा कि भगवान भास्कर ने आज मकर राशि में प्रवेश किया। आज का दिन विशेष है। आज के दिन स्नान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है। पित्रों की आत्मा को शांति मिलती है। काशी मोक्ष क्षेत्र है। आज के दिन लोग खिचड़ी दान करते हैं और खिचड़ी खाते हैं। स्नानार्थी रमेश ने कहा कि मकर संक्रांति के दिन गंगा स्नान व दान का विशेष पुण्य मिलता है। इससे घर-परिवार में सुख-शांति आती है। गीता ने कहा कि गंगा स्नान कर दान दिया। इससे घर-परिवार की सुख-समृद्धि मिलती है।