मैथिली ठाकुर ने काशी विश्वनाथ धाम में गाया भावुक कर देने वाला चैती गीत, पिता संग बाबा का लिया आशीर्वाद

 
वाराणसी। काशी विश्वनाथ धाम में आयोजित एक विशेष कार्यक्रम में प्रसिद्ध मैथिली और भोजपुरी गायिका मैथिली ठाकुर ने अपनी प्रस्तुति से दर्शकों का दिल जीत लिया। कार्यक्रम की शुरुआत "हर-हर महादेव" के उद्घोष के साथ करते हुए मैथिली ने बिना किसी वाद्य यंत्र के, भावुक चैती गीत "नैहर से कहु नहीं अइले हो रामा" गाया।

मैथिली ठाकुर ने इस अवसर पर अपनी भावनाओं को शेयर करते हुए कहा, "काशी आकर मैं अभिभूत हूं। बाबा विश्वनाथ के आंगन में आकर एक अनोखा अनुभव हो रहा है।" बिहार के मधुबनी जिले के बेनीपट्टी में जन्मी 22 वर्षीय मैथिली ठाकुर ने संगीत की शिक्षा अपने पिता रमेश ठाकुर से प्राप्त की, जो क्षेत्र के लोकप्रिय संगीतकार रहे हैं। वर्तमान में, मैथिली के छोटे भाई अयाची और तबले पर ऋषभ उनके गायन में साथ देते हैं।

मैथिली ठाकुर पारंपरिक बनारसी साड़ी में बाबा विश्वनाथ के दर्शन के लिए पहुंचीं, और उनके साथ उनके पिता भी थे। मंदिर के पुजारी ने उन्हें रुद्राक्ष की माला और अंगवस्त्र भेंट किए। मंदिर से बाहर निकलने पर मैथिली ने "हर-हर महादेव" का जय घोष किया, जिसका वीडियो उन्होंने अपने सोशल मीडिया पर साझा किया।